गुरुआस्था समाचार
शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, कॉलोनी हो या झुग्गी बस्तियां सड़कों व घरों में भर गया पानी,
बिलासपुर – शहर में गुरुवार दोपहर से देर रात तक हुई बारिश से ड्रेनेज की समस्या का दर्द हरा कर दिया। सिटी कोतवाली रोड, राजीव गांधी चौक, श्रीकांत वर्मा मार्ग जैसे रास्तों से लेकर विद्या नगर, विनोबानगर जैसे पॉश कॉलोनियों और दर्जनभर से ज्यादा बस्तियों में पानी भर गया। सिरगिट्टी में बन्नाक चौक इलाके में कमर तक पानी भर गया। निचली बस्तियों में भी यही हाल था। घरों में पानी घुस गया और लोगों को रतजगा करना पड़ा।
गुरुवार की रात को शहर के कई इलाकों में लंबा जाम लग गया। शुक्रवार को रायपुर रोड पर जाम से लोग परेशान हुए। यह स्थिति तब है, जब पिछले कुछ सालों ने इन जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने के लिए नाले-नालियों पर 42 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। अब ड्रेनेज की समस्या से निपटने के लिए 53 करोड़ का नया प्लान बनाया गया है।
बारिश का पानी कॉलोनियों और रास्तों में न भरे, इसलिए नगर निगम हर साल लाखों रुपए खर्च करता है। इसके बावजूद पिछले 15-20 सालों से जहां पानी भरने की समस्या थी, वह आज भी बनी हुई है। घंटेभर की तेज बारिश के बाद पानी जाम हो जाता है। श्रीकांत वर्मा मार्ग, कश्यप कॉलोनी, सरकंडा, नेहरू नगर, कस्तूरबा नगर समेत अन्य जगहों पर नालियां बनाई गईं, लेकिन इसका फायदा नहीं मिला और गुरुवार रात को फिर इन इलाकों में पानी भर गया।
नगर निगम ने साल 2013 से 2017 के बीच नाले-नालियां बनाने में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके बाद 2018 में कश्यप कालोनी से जवाली नाला तक मुख्य नाला निर्माण सहित 10 करोड़ का काम हुआ था। 2020-21 में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत 14 करोड़ के कार्य स्वीकृत किए गए थे।
अग्रसेन चौक से लिंक रोड पेट्रोल पंप तक नाला निर्माण, फुटपाथ आदि पर 3.40 करोड़ खर्च किए गए हैं। अब स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज के नाम पर शहर में 53 करोड़ की लागत से अलग-अलग जगहों पर टुकड़ों पर 35 किमी लंबी नाली बनाई जा रही है। इससे अब सड़कों और बस्तियों में पानी भरने की समस्या से निजात दिलाने का दावा किया जा रहा है।
तेज बारिश होने पर शहर के चौक-चौराहों और निचले इलाकों में पानी भरने की असल वजह नाले पर ओवरलोड होना है। एक नाले पर कई छोटे नालों का पानी आता है। कश्यप कॉलोनी के नाले में विद्यानगर, विनोबा नगर, क्रांतिनगर, तालापारा, मगरपारा, श्रीकांत वर्मा मार्ग, निराला नगर, इमली पारा और तेलीपारा से पानी आता है। इस नाले की इतनी क्षमता नहीं है, इसलिए ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है।
नाले की गंदगी घरों में
गुरुवार की शाम से देर रात तक हुई जोरदार बारिश के कारण शहर के कई इलाकों की मुसीबत बढ़ गई। निचली बस्तियों के कई घरों में नाले-नालियों से ओवरफ्लो के बाद गंदा पानी घुस गया। लोगों को पूरी रात रतजगा करता पड़ा। शुक्रवार की सुबह से लोग अपने-अपने पार्षदों को फोन करते रहे। पार्षद भी अपने जोन के इंजीनियरों और जोन कमिश्नरों को फोन कर राहत बचाव दल भेजने के लिए बोलते रहे, लेकिन परेशानियां कम न हुईं।