ए पी एल राशन कार्ड धारकों के जानकारी के बगैर बीपीएल की सूची में डाल राशन दुकानदारों ने खूब की धांधली , बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने विधानसभा में उठाया मामला , पढ़ें पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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ए पी एल राशन कार्ड धारकों के जानकारी के बगैर बीपीएल की सूची में डाल राशन दुकानदारों ने खूब की धांधली , बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने विधानसभा में उठाया मामला

बिलासपुर – बड़ी संख्या में ए पी एल  राशन कार्ड धारकों के नाम उनकी जानकारी के बगैर बीपीएल की सूची में डाल राशन दुकानदारों ने खूब धांधली की । मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारियों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा चुप्पी साध ली । धांधली करने वालों को पुलिस ने आज तक गिरफ्तार नहीं किया । बेल तरा विधायक सुशांत शुक्ला ने अपने विधानसभा क्षेत्र में ऐसी ही धांधली का मामला विधानसभा उठाया तो खाद्य मंत्री ठीक से जवाब तक नहीं दे पाए ।

विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल की शुरुआत बेलतरा के विधायक सुशांत शुक्ला के सवाल से हुआ। विधायक सुशांत के सवालों से खाद्य मंत्री दयालदास बघेल घिरे रहे। वे यह नहीं बता पाए कि एपीएल कार्डधारकों के नाम पर बीपीएल राशन कार्ड कैसे बन गया। जिस अफसर ने फर्जीवाड़ा किया है उसे संरक्षण क्यों दिया जा रहा है। विधायक के लिखित सवाल के जवाब में मंत्री की ओर से पेश लिखित जवाब में बताया है कि वर्ष 2022 से 2025 तक राशन कार्ड का वितरण नहीं किया गया है।

विधायक सुशांत ने सदन में मंत्री से पूछा कि जब राशनकार्ड का वितरण नहीं किया गया है तब 57 राशन कार्ड उनके विधानसभा में कैसे बन गए और किस अधिकारी ने इसे बनाया है। विधायक ने मंत्री से पूछा कि फर्जीवाड़ा करने वाले अफसर के खिलाफ कार्रवाई की गई है या नहीं।

विधायक के सवाल पर जब मत्री बघेल ने कहा कि एपीएल से बीपीएल कार्ड में परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले एपीएल को निरस्त करने आवेदन किया है उसके बाद पात्रता अनुसार बीपीएल कार्ड बनाया है। मंत्री के इस जवाब को चुनौती देते हुए विधायक सुशांत ने कहा कि विभागीय अफसरों ने मंत्री को गुमराह करते हुए झूठी जानकारी दिला दी है।

विधायक ने बताया कि मप्र के सागर में आईडी नंबर खोले गए हैं और 1300 राशन कार्ड बनाए गए है। जो एपीएल से बीपीएल में बदला गया है। शिकायत के बाद 1300 कार्ड निरस्त किया गया है। आसंदी पर बैठे स्पीकर को संबोधित करते हुए विधायक सुशांत ने पूछा कि खाद्य मंत्री फर्जीवाड़े की जांच कराएंगे क्या। मंत्री ने कहा कि एक भी कार्ड विधायक बता दें कि एपीएल से बीपीएल में बदला गया है तो वे जांच करा देंगे। मंत्री के जवाब के बाद विधायक ने पूछा कि दोषी अफसर को इस पूरे मामले से अलग रखकर जांच कराएंगे क्या।

बड़ा प्रश्न यह है कि वर्ष 2022 से पहले तक एपी एल कार्ड धारी 2022 में बीपीएल कार्ड धारी कैसे बना ?

इसमें विभाग की ज़िम्मेदारी है या नहीं ? क्या विभागीय अमला चादर तानकर सोने के लिए सरकार से लाखों का वेतन भत्ता और अन्य सुविधाएँ लेते हैं ? अगर विभाग की कोई भूमिका नहीं तो इनको पदस्थ करने का कोई औचित्य नहीं है ।

एपीएल से बीपीएल कार्ड बनाकर करोड़ों का वारा न्यारा करने वाले तात्कालीन और वर्तमान विभागीय अधिकारियों की पूरी ज़िम्मेदारी है ,
नामज़द एफ आई आर किए जाने के लिए पक्के सबूत मौजूद हैं । सूत्रों का कहना है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को
तत्काल बिलासपुर कमिश्नरी से दूर अन्यत्र कार्यालय में अटैच कर मामले की जॉंच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा से कराए जाने पर करोड़ों के चॉंवल घोटाले का पर्दाफ़ाश होना सुनिश्चित है।

सैकड़ों कार्ड में कूट रचना किए जाने की भी पुख़्ता जानकारी मिली है..
चटर्जी,अग्रवाल, जाजोदिया, गुप्ता , सोनी , जैन, द्विवेदी, पांडेय, सालुंके, पवार, सूरी , सरनेम वाले परिवारों के नाम पर बीपीएल कार्ड बनना अनेक संदेहों को जन्म दे रहा है !
उल्लेखनीय है कि इस जालसाज़ी को कार्ड नवीनीकरण के नाम पर जनवरी 2022 से सितंबर-अक्टूबर 2023 के दौरान अंजाम दिए जाने की संभावना है…
मज़ेदार बात है कि – कार्ड धारियों को भी पता नहीं है कि कूट रचना कर उन्हें बीपीएल कार्डधारी बना दिया गया है !

महत्वपूर्ण सवाल-

शहर में वर्ष 2022 में जाजोदिया, सोनी , गुप्ता जैसे सरनेम वालों का बीपीएल कार्ड बना है या नहीं ? जय माता दी खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित विनोबा नगर दुकान ID 401001121
और संस्कृति महिला समूह डीपूपारा
ID – 401001025 के बीपीएल कार्डों की जाँच हुई है या नहीं ?

दूसरा सवाल – जाजोदिया, सोनी , गुप्ता वग़ैरह सरनेम वालों के नवीनीकृत कार्ड में पुराना कार्ड नंबर विलोपित क्यों हुआ ?
पुराना कार्ड नंबर विलोपित करने की अनुमति किसने दी या अनुमोदन किस अधिकारी ने किया ?
तीसरा सवाल- संपन्न नागरिकों के राशन कार्ड एपीएल से बीपीएल में कनवर्ट किस आईडी से हुआ ? और इसका आईपी एड्रेस क्या है?
चौथा सवाल- जब संपन्न घरों के एपीएल कार्ड , वीपीएल में कनवर्ट हुए तब विभाग के बड़े पद पर कौन कौन पदस्थ रहे ? उस दौरान पदस्थ फूड कंट्रोलर और फूड इंस्पेक्टर की तथाकथित एपीएल से बीपीएल के खेल में क्या भूमिका है ? अगर इनकी भूमिका नहीं है तो ज़िम्मेदार कौन है ?

सवाल लाख टके का – शहर में नवीनीकरण के बाद बने बीपीएल कार्ड की विस्तृत जाँच कर बड़े भ्रष्टाचार/घोटाले से पर्दा उठाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा ?

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