गुरुआस्था समाचार
अधिकारियों ने खेला शराब में बड़ा खेल : अब 3 डिस्टलरी और 35 अधिकारियों को आबकारी आयुक्त की नोटिस
प्रदेश के अधिकारियों के एक गिरोह ने शराब में बड़ा खेल खेला है। बड़े मगरमच्छ तो ED के जाल में फंस चुके है अब गिरोह के छोटे सदस्य आबकारी आयुक्त के रडार में आ गए है। आबकारी विभाग ने शराब के अवैध निकासी और बिक्री को लेकर करीब 35 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। ये वो अधिकारी हैं जिन्हें ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। अधिकारियों के अलावा 3 डिस्टिलरी को भी कोटिस करितकीय गया है।
बताया जा रहा है कि ईडी ने शराब घोटाला केस में तीन शराब निर्माताओं का जिक्र किया है, और चार्ज शीट में यह कहा गया है कि डिस्टलरी में बोतलों पर नकली होलोग्राम लगाकर अवैध रूप से शराब की बिक्री की गई। करीब 13 हजार पन्नों के चार्ज शीट में सरकारी संरक्षण में अवैध कारोबार का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि शराब घोटाले से जुड़े सिंडिकेट द्वारा शराब निर्माताओं को नकली होलोग्राम प्रदान किए गए।
शराब निर्माताओं ने भी ईडी को नकली होलोग्राम लगाकर कारोबार करने की बात मानी थी। इस तरह ईडी ने वर्ष-2019 से 2023 के बीच कई तरीकों से कुल मिलाकर 2161 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।ईडी को दिए बयान के आधार पर आबकारी विभाग ने तीनों शराब निर्माताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उन्हें नोटिस जारी किया गया। उनसे पूछा गया कि उन्होंने असली होलोग्राम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया है। अगर उन्होंने नकली होलोग्राम का इस्तेमाल किया है, तो आपसे वसूली क्यों नहीं की जाए।
यही कारण है छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले पर अब विभाग ने भी नजरे टेढ़ी कर ली। राज्य सरकार ने चार आबकारी उपायुक्त सहित 35 अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। जिन आबकारी उपायुक्त को नोटिस जारी किया गाय है, उसमें बिलासपुर की आबकारी उपायुक्त नीतू नोतानी, बलौदाबाजार भाटापारा के सहायक आयुक्त आबकारी विकास कुमार गोस्वामी, रायपुर के जिला आबकारी अधिकारी इकबाल अहमद खान और दुर्ग के जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार सिंह को नोटिस जारी कर 10 जुलाई को 11 बजे तक जवाब मांगा गया है।
इनके अलावा राज्य के तीन डिस्टलरी के खिलाफ भी नोटिस जारी किया गया है, सभी से 10 जुलाई तक जवाब मांगा गया है। उचित जवाब नहीं मिलने पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा मंत्रालय से जारी नोटिस में 35 अन्य अधिकारियों में अनिमेष नेताम, अरविन्द पाटले, नवीन प्रताप सिंह तोमर, दिनकर वासनिक, रामकृष्ण मिश्रा, नीतू नोतानी, मंजूश्री कसेर, विकास गोस्वामी, सौरभ बख्शी, नोहर सिंह ठाकुर का नाम भी शामिल है। नोटिस में सभी को पदस्थ जिलो में प्रभारी रहने के दौरान वर्ष 2019-2022 में देशी शराब की डिस्टलरी से अवैध रूप आबकारी शुल्क और अन्य करों का भुगतान किए बिना भारी मात्रा में अवैध मदिरा की निकासी में सहयोग करने का आरोप है। इसके बदले में बड़ी मात्रा में रिश्वत भी लिया गया है। जिससे राज्य सरकार को राजस्व की भारी नुकसान हुआ है।
मंत्रालय से जारी शोकॉज नोटिस में कहा गय है की सहायक आयुक्त आबकारी विकास कुमार गोस्वामी ने बिलासपुर में 28 जून 2019 से 10 जून 2020 तक, जांजगीर-चांपा में 22 जून 2021 से 29 जनवरी 2022 तक और मुंगेली में 5 जून 2017 से 27 जून 2019 तक अवैध तरीके से शराब की निकासी कराया और इसके एवज में रिश्वत ली।
वहीं जिला आबकारी अधिकारी इकबाल अहमद खान पर आरोप है कि उन्होंने प्रभार वाले जिले रायपुर में 27 जुलाई 2019 से लेकर अब तक अवैध तरीके से आबकारी शुल्क और अन्य करों का भुगतान किये बगैर शराब की निकासी करायी। इसके एवज में इकबाल अहमद खान को रिश्वत के रूप में भरी भरकम राशि मिली है।
वहीं दुर्ग जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बालोद में 2 जून 2020 से लेकर 7 अक्टूबर 2021 तक, बलौदाबाजार में 15 जनवरी 2022 से 6 अक्टूबर 2022 तक आसवनियों से अवैध रूप से आबकारी शुल्क और अन्य करों का भुगतान किये बगैर मदिरा की निकासी गयी। इसके एवज में उन्हें भी रिश्वत मिला है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 के दौरान अवैध मदिरा की निकासी को लेकर सभी को लिखित में जवाब पेश करना होगा। वहीं मेसर्स वेलकम डिस्टलरी प्रा लिमिटेड छेरकाबांधा बिलासपुर, मेसर्स भाटिया वाईन मर्चेंट प्रा लिमिटेड धूमा मुंगेली और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी लिमिटेड कुम्हारी दुर्ग को भी नोटिस जारी किया गया है।
डिस्टलरी पर आरोप है उन्होंने अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर गड़बड़ियां की है। अधिकारियों को रिश्वत देने का भी आरोप कंपनियों पर है। तीनों डिस्टलरी से कल 11 बजे तक जवाब मांगा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के प्रावधानों से हटकर रिश्वत समेत अन्य करों के भुगतान में कूटरचना कर बड़ी मात्रा में शराब के अवैध परिवहन में सहयोग किया है।