गुरुआस्था न्यूज़
छत्तीसगढ़ फारेस्ट विभाग में टेंडर जारी करने में बड़े पैमाने पर गड़बउ़ी उजागर, धरमलाल कौशिक ने विधानसभा में उठाया मामला
रायपुर प्रतिनिधि- छत्तीसगढ़ फारेस्ट डिपार्टमेंट में टेंडर जारी करने में बड़े पैमाने पर गड़बउ़ी उजागर हुई है। दरअसल राज्यभर में फारेस्ट अफसरों ने 37 टेंडर निकाले, उनमें से 33 में गड़़बड़ी मिली। यह मामला तब चर्चा में आया जब मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक विधानसभा में इस मसले को उठाया। श्री कौशिक ने पूछा कि टेंडर में क्या अनियमितता मिली थी और दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई है।
तब जवाब देते हुए वन मंत्री मो. अकबर ने गड़बड़ी होना स्वीकारा और नौ अफसरों के दोषी होने की बात कही। मंत्री ने बताया कि टेंडर में गड़बड़ी की प्रारंभिक जांच में नौ अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इनमें छह भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। उन्हें नोटिस दी गई है, जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ियों के बारे में बताते हुए श्री अकबर ने कहा कि निविदा में 30 दिन की अवधि होनी चाहिए, लेकिन 21 दिन का ही समय दिया गया था। निविदा में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। वन मंत्री ने बताया, अभी मामले में किसी को जांच अधिकारी नहीं बनाया गया है।
विभागीय कार्यवाही जारी है। इसके तहत कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। अधिकारियों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद सदन के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 33 टेंडरों में गड़बड़ी का मामला तो केवल चार जिलों का है। बलरामपुर जिले में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। सामग्री खरीदी में लगभग हर जगह गड़बड़ी मिल रही है। नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। इसके बाद भी सरकार समय से जो कार्यवाही होनी चाहिए वह नहीं कर रही है। इससे भ्रष्टाचार के बढ़ावा मिल रहा है।