सीएम बघेल ने राज्योत्सव के साथ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का किया शुभारंभ, 10 देशों के कलाकार होंगे शामिल , पढ़े पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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सीएम बघेल ने राज्योत्सव के साथ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का किया शुभारंभ, 10 देशों के कलाकार होंगे शामिल ,

रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी के साइंस कालेज ग्राउंड में दीप प्रज्ज्वलित कर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का शुभारंभ किया। इसी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी नगाड़ा बजाकर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में 10 देशों के कलाकार पारंपरिक प्रस्तुति देंगे। इनमें मोजाम्बिक, टोगो, मंगोलिया, रूस, इंडोनेशिया, सर्बिया, न्यूजीलैंड, इजिप्ट और मालदीव शामिल है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में संस्कृति को आगे बढ़ाना, प्रदेश का विकास, आम जनों को सुविधा देना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही नृत्य का है। नृत्य तब किया जाता है, जब मन मे उमंग खुशी हो। आदिम नृत्य की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चल रही है। दुनियाभर के आदिवासियों की भावनाएं एक हैं। प्रकृति पर सभी का अधिकार हो। आदिम मूल्य आज भी कायम है। कुछ लोग प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसलिए प्रकृति के साथ संस्कृति को बचाना है। मनुष्यता को बचाना आवश्यक है। 22 जनजाति छत्तीसगढ़ में है, उनकी संस्कृति से ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति बनी है।

राज्‍य सरकार संस्कृति को बचाने, शिक्षा, स्वास्थ्य के दिशा में कार्य कर रही है। यह क्षण गौरव का है। दुनियाभर में छत्तीसगढ़ का नाम हुआ है। पहले आयोजन में 6 देश, 24 राज्य आये थे। दूसरे साल 7 देश और तीसरे साल 10 देश और 28 राज्य 8 केंद्रशासित प्रदेश शामिल हुए हैं। यह गौरव की बात है। आदिवासी संस्कृति का दायरा बढ़ाने दिल्ली से भी समझौता हुआ है। एक दूसरे से सीखेंगे, दुनिया को कैसे बेहतर बनाये, इस पर चर्चा करेंगे।इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने जनजातीय समूह का प्रतीक चिह्न मांदर भेंट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।

तीन दिनों तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के मंच पर देश-विदेश की विविधतापूर्ण आदिवासी संस्कृति के इंद्रधनुषीय रंग बिखरेंगे। प्रदेश सरकार के इस अनूठे आयोजन का यह तीसरा मौका है। साल दर साल इस आयोजन की लोकप्रियता देश-विदेश में बढ़ती जा रही है। आयोजन के दौरान आने वाले दर्शकों के लिए अनेक आकर्षण होंगे। जनजातियों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और लोककलाओं के साथ छत्तीसगढ़ सरकार के पौने चार वर्ष की विकास यात्रा की झलक लोगों को देखने को मिलेगी।

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