गुरुआस्था समाचार
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने टिकट बांट कर बताया वो हिंदुत्व के पिच पर खेलेगी!
छत्तीसगढ़ में चुनाव की रणभेरी बज चुकी है.बीजेपी ने 90 में से 85 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है. इस सूची को देखने से लगता है कि छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को नहीं छोड़ने वाली है. पार्टी द्वारा हिंदुत्व कार्ड खेलने का संकेत लिस्ट में शामिल कई नामों से मिलता है. मसलन- पार्टी ने साजा सीट से ईश्वर साहू को प्रत्याशी बनाया है. ईश्वर 21 वर्षीय उस भुवनेश्वर साहू के पिता हैं, जिसकी हत्या 8 अप्रैल 2023 को बिरनपुर में कर दी गई थी. बाद में ये मामला धार्मिक विवाद में बदल गया. धार्मिक हिंसा भी हुई. ईश्वर साहू गैर राजनीतिक व्यक्ति हैं,बावजूद इसके बीजेपी ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है. आगे बढ़ने से पहले देख लेते हैं कि 85 टिकट बांट कर छत्तीसगढ़ में बीजेपी का कौन-कौन से संकेत दे रही है.
वैसे ये समझा जा रहा है बीजेपी ईश्वर साहू के भरोसे पूरे प्रदेश में हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है. इसके संकेत प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के बयानों से भी मिलते हैं.अरुण साव राज्य की कांग्रेस सरकार को भूपेश, अकबर ढेबर की सरकार बुलाते हैं. वे कहते हैं कि बिरनपुर में जो हुआ उसे पूरे प्रदेश ने देखा. ईश्वर के परिवार को न्याय नहीं मिला.हक की लड़ाई लड़ने वालों को जेल में डाल दिया गया.अब प्रदेश की जनता भूपेश बघेल सरकार को सत्ता से बाहर करेगी. इतना ही नहीं धर्मांतरण के बाद घर वापसी अभियान के भारत में सबसे बड़े चेहरे रहे दिलीप सिंह जूदेव की राजनीतिक विरासत संभालने वाले प्रबल प्रताप सिंह को कोटा और इसी परिवार की बहूरानी संयोगिता सिंह जूदेव को चन्द्रपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.
उधर दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने भी पूरी तैयारी कर रखी है.पिछले पांच सालों में राज्य की कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन पथ,कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण,कृष्ण कुंज और राम मंडिलयों को प्रोत्साहन देने समेत कई योजनाएं लेकर आई.भूपेश सरकार ने काम के साथ ही इसका खूब प्रचार प्रसार भी किया गया. हालांकि बिरनपुर विवाद में मृतक के पिता को बीजेपी द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कांग्रेस के अपने तर्क हैं. खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर बयान दिया.
जाहिर है चुनावों में सभी पार्टियों की अपनी-अपनी रणनीति होती है. लेकिन अगले 45 दिनों में तय हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व का कार्ड कितना असरकारी होगा और अगर असरकारी होगा तो किसके पक्ष में होगा?