
गुरुआस्था न्यूज़
पुलिस की लापरवाही पूर्वक विवेचना का मिला लाभ, लूट, डकैती और गोलीकांड के सारे आरोपी बरी,
बिलासपुर – जांजगीर चांपा जिला के सक्ति स्थित एटीएम में पैसा डालने के दौरान 2008 में हुए चौदह लाख की डकैती और बिलासपुर के तखतपुर में हुए गोलीकांड के साथ लूट के आरोप में सत्र न्यायालय से सजा पाए आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। जस्टिस आरसीएस सामंत और जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।
2008 में एक के बाद एक डकैती और लूट की घटना हुई। इसमें दो अज्ञात आरोपियों ने सभी जगहों पर घटनाओं को अंजाम दिया। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस कार्रवाई शुरू की। बाद में पुलिस ने पुष्पेंद्र नाथ चौहान उर्फ मनीष, उर्फ मनोज, उर्फ पप्पू, उर्फ पापा, गुलाब सिंह उर्फ बबलू, उर्फ अमित, सोनू उर्फ, सन्नू, उर्फ मकरध्वज और दिनेश उर्फ दिपक, उर्फ दिनू नेताम को पकड़ी। साथ ही तहसीलदार के समक्ष विवेचना अधिकारी ने गवाहों से पहचान कराई गयी। इसमें सभी की पहचान की गई।
घटना के बाद आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया। इन आरोपियों के खिलाफ तखतपुर और काठाकोनी मोछ ब्रांच में हुई डकैती का भी आरोप लगा। वहीं सत्र न्यायालय सक्ति ने मामले की सुनवाई के बाद 30 मई 2014 को सभी आरोपियों को सजा सुनाई। सत्र न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इसमें पुलिस द्वारा की गई विवेचना और आदेश को गलत ठहराया। पुलिस द्वारा की गई गलत विवेचना और लापरवाही का लाभ आरोपियों को संदेह के रूप में मिला। हाईकोर्ट ने इसी आधार पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
मुख्यमंत्रियों को भेजा धमकी भरा पत्र
आरोपियों में से एक पुष्पेंद्र नाथ चौहान ने केंद्रीय जेल बिलासपुर में बंद रहते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर पचास लाख की फिरौती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जान से मारने की धमकी दिया था। इस मामले में सिविल लाइन थाना बिलासपुर में एफआईआर दर्ज हुआ और मामला लंबित है।
कंपनसेंसन मांग सकते हैं
मामले में पैरवी करने वाले अधिवक्ता अजय अयाची का कहना है कि बरी होने के बाद अपने मुवक्किल से सहमति लेकर जेल में रखकर जिंदगी का लंबा काल और जिंदगी बर्बाद करने के लिए कंपनसेशन मांग सकते हैं।
शिक्षित युवाओं को बनाया गया निशाना
डकैती के मामले में आरोपी बनाए गये सभी युवा पूर्ण शिक्षित हैं। इसमें पुष्पेंद्र नाथ चौहान एमबीए किए हुए है। डकैती के आरोप से तो वह बरी हो गया, लेकिन मुख्यमंत्री को भेजे धमकी भरे पत्र के मामले में दर्ज एफआईआर के कारण उसे अभी आगे भी जेल में रहना होगा।
पुलिस द्वारा की गयी लापरवाही पूर्वक विवेचना का लाभ आरोपियों को मिला
– आरोपियों ने कोर्ट को बताया कि एफ आई आर दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हुई थी। जबकि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
– घटना करते दो लोगों को देखा गया, जबकि विवेचना अधिकारी और तहसीलदार ने चार लोगों की पहचान करवा दी।
– रिवाल्वर जब्त किया गया लेकिन ब्लास्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट नहीं ली गयी। क्योंकि रिवॉल्वर से गोली चली थी, गार्ड की जान गयी थी ऐसे में महत्वपूर्ण साक्ष्य को पुलिस के विवेचना अधिकारी ने नजर अंदाज किया।