गुरुआस्था समाचार
खनिज न्यास मद की बर्बादी 40 किमी की ‘साइकिल यात्रा के आयोजन पर फुंके 15 लाख रुपये ,
पर्यावरण व पर्यटन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कलेक्टर ने ‘टूर दे सिरपुर’ का आयोजन किया था। आयोजन के तहत 26 मार्च की सुबह वन विद्यालय परिसर से साइकिल यात्रियों का दल सिरपुर के लिए रवाना हुआ था। दल में कलेक्टर के अलावा जिला पंचायत के सीईओ, डीएफओ, तत्कालीन एसडीएम व नागरिक, सरकारी कर्मचारी, खिलाड़ी, स्कूल कालेज के विद्यार्थी थे। यात्रा को संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने हरी झंडी दिखाई और पहले पड़ाव बेमचा तक स्वयं साइकिल चलाते रहे, इसके बाद लौट गए।
दूसरे पड़ाव वन चेतना केंद्र कोडार में साइकिल यात्री रुकी, यहां रायपुर से भी कुछ साइकिल यात्री शामिल हुए। इसके बाद सभी सिरपुर के लिए साथ निकले। लगभग सौ की संख्या में पहुंचे अधिकारी, नागरिक, विद्यार्थियों ने सिरपुर को देखा। दोपहर व रात में भोजन भी किया। 27 मार्च की सुबह के नाश्ते के बाद सभी लौट गए। इस प्रकार महज 40 किमी की इस यात्रा में 15 लाख रुपये खर्च किये गए।
खनिज न्यास मामलों के जानकारों का कहना है कि खनिज विभाग मंत्रालय छग के निर्देशों के परे अध्यक्ष व सचिव जिला खनिज न्यास ने अपने पदीय शक्ति का दुरुपयोग किया है। खनिज न्यास मद का उपयोग सैर सपाटे के लिए नहीं किया जा सकता। यह सीधे तौर आर्थिक अपराध है। इसमें न्यास के अध्यक्ष के साथ ही न्यास के सचिव, तत्कालीन एसडीएम जिम्मेदार हैं। इस पर मुख्य सचिव को संज्ञान लेना चाहिए।
वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि कलेक्टर ने साइकिल से सैर कराया, कुछ नई महंगी साइकिलें भी खरीदी। भोजन व अन्य तरह के प्रबंध किए और इसी पर डीएमएफ की राशि नोडल एजेंसी राजस्व महासमुंद के माध्यम से खर्च कर दिए। जानकारों का यह भी कहना है कि खनिज न्यास मद का उपयोग अधिकारी अपनी मनमर्जी से कर रहे हैं। जबकि यह नियम विरुद्ध है।