हसदेव अरण्य में आदिवासियों के लगातार विरोध के बावजूद काटे जा रहे पेड़, रोको नही तो होगा उग्र आंदोलन – कोमल हुपेंडी आप , पढ़े पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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हसदेव अरण्य में आदिवासियों के लगातार विरोध के बावजूद काटे जा रहे पेड़, रोको नही तो होगा उग्र आंदोलन – कोमल हुपेंडी आप

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में आदिवासी लगातार विरोध कर रहे है और पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला खदान को मंजूरी दे दी है। यह कोयला खदान दूसरे कांग्रेसी राज्य राजस्थान को आवंटित किया गया है।

सरकार के कहने पर ही भारत सरकार की संस्था वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (WII)ने हसदेव अरण्य का अध्ययन कर पिछले साल ही रिपोर्ट सौंपी है। WII ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ कहा था कि यहां एक भी कोयला खदान को मंजूरी देने के विनाशकारी परिणाम होंगे, जिसे रोक पाना असंभव होगा।
WII (वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट अनुसार मध्यभारत का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव अरण्य के इलाके में नये खदान की मंजूरी से जंगल का विनाश तो होगा ही, जंगल में रहने वाले हाथी, बाघ, तेंदुआ, भालू जैसे जानवरों का भी जीवन खतरे में आ जाएगा। साथ ही हाथी मानव संघर्ष अत्याधिक बढ़ेगा।

WII की रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की मार झेल रहे मध्य भारत के सबसे घने जंगलों के विनाश से तापमान में औऱ बढ़ोत्तरी होगी और पानी संकलन में कमी के चलते सूखा पड़ने की आशंका है।

हसदेव अरण्य के गांव में ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार आई तो वे आदिवासियों के साथ खड़े रहेंगे और कोयला खदान नहीं खुलने देंगे,लेकिन सरकार बनने के बाद सब कुछ भूलकर खदानों को मंजूरी देना शुरु कर दिया गया है और इसी तरह के वादे अब राहुल गांधी दूसरे चुनावी राज्यो में भी कर रहे है।यह बेहद गलत है,और इससे सरकार की नीयत और वादा खिलाफी पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है।
कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी बार-बार अपने भाषणों में भाजपा की केंद्र सरकार को अडानी अंबानी की सरकार कहकर उल्लेख करते रहे हैं, लेकिन यह दिलचस्प है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही अपना कोयला खदान एमडीओ के आधार पर अडानी को सौंप दिया है। राजस्थान सरकार को जो परसा कोयला खदान सौंपा गया है, कांग्रेस पार्टी की राजस्थान सरकार ने इस परसा खदान को भी एमडीओ का अनुबंध कर के पूरी तरह अडानी कंपनी को सौंप दिया है।

आम आदमी पार्टी ने आज प्रदर्शन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के नेतृत्व में आज अंबिकापुर में लोगो को संबोधित करते हुए प्रदर्शन किया। कोमल हुपेंडी ज्ञापन कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ का जनता व हसदेव के लोगो के संघर्ष में साथ देने का शंखनाद किया। कोमल हुपेंडी ने कहा कि सरकारें अडानी की गोद मे जाकर बैठ चुकी है लेकिन हम हसदेव अभ्यारण्य में खदानों के कोई काम नही होने देंगे चाहे हमें कुछ भी करना पड़े।

प्रदेश सरकार से मांग
1-फर्जी ग्राम सभा की जांच करवाई जाए
2- WII की रिपोर्ट को संज्ञान में ले सरकार और तुरंत पेड़ कटाई बंद करवाया जाए।
3- पाँचवी अनुसूचित इलाके का नियम का पालन हो, ताकि फर्जी तरह से काम बंद हो।

आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों की टीम जब गाँव वालों के साथ मिलकर जंगलों में गई जहां पेड़ो को काटने का काम देर रात में किया गया है। वहाँ मौके पर हालात को देखा और पाया गया कि बड़े बड़े लगभग 300 पेड़ो को रातों रात काट दिया गया। ये पेड़ महुआ, साल के बड़े बड़े पेड़ थे, साथ ही तेंदू पत्ते के छोटे झाड़ को भी नुकसान हुआ।गाँव के आनंदराम ने बताया कि इन पेड़ों से लगभग 50,000 का महुआ हमने बेचा था और प्रतिदिन तेंदू पत्ता संकलन से 1000 की कमाई होती है और इसी काम पर हम आदिवासी लोगो की आजीविका निर्भर है,जिसका आदिवासियों को उसको बड़ा नुकसान पंहुचा है।

आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के नेतृत्व में, प्रदेश कोषाध्यक्ष जसबीर सिंह,सचिव संगठन विस्तार गोपाल साहू,प्रदेश यूथ विंग अध्यक्ष तेजेंद्र तोडकर,प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला, सह संगठन मंत्री अधिवक्ता दिव्य प्रकाश यादव,अम्बिकापुर के जिला संयोजक अधिवक्ता कुंज बिहारी पैकरा, राजदीप शर्मा, आज़म मिर्ज़ा, बिलासपुर के संतोष बंजारे, दिनेश अनंत, खगेश केवट आदि हसदेव के आंदोलन में अपना समर्थन देते हुए आम लोगो के साथ प्रदर्शन किया और आश्वस्त किया कि आम आदमी पार्टी सदैव हर स्थिति में लड़ने को तैयार है।

अंत में कोमल हुपेंडी ने कहा कि समस्त तथ्यों को संज्ञान में लेकर आदिवासियों की मांगो को पूरा किया जाना चाहिए। यदि सरकार मामले को गंभीरता से लेते हुए, हमारी मांगो को 20 मई २२ तक नही मानती है, तो आम आदमी पार्टी द्वारा 21/05/22 को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी।

आम जन में काफी आक्रोश है और उग्र आंदोलन वाली स्थिति बन रही है,यदि ऐसी स्थिति सरकार बनने देती है, तो इसकी समस्त जिम्मेदार कांग्रेस की प्रदेश में बघेल सरकार होगी।

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