बेलतरा-बिलासपुर – कलेक्टर बिलासपुर सौरभ कुमार के आदेशानुसार एवं एस डी एम बिलासपुर के निर्देश पर बेलतरा तहसीलदार शशिभूषण सोनी द्वारा पटवारी किशनलाल धीवर सहित बेलतरा तहसील अंतर्गत अवैध धान के भंडारण व परिवहन के संशय निरीक्षण किया गया जिस पर बेलतरा ग्राम में माजदा वाहन क्रमांक CG-10-C-5166 से मोहरा सेलर से लाकर खपाने के संशय पर सुजीत राइस एग्रो इंडस्ट्रीज में ले जाने की बात कही , जिस पर तहसीलदार द्वारा मंडी से अनुज्ञा पत्र दिखाये जाने कहने पर कोई भी प्रपत्र प्रस्तुत नही किया गया।
जिस पर्व अवैध धान के भंडारण व परिवहन के संशय प्रकरण कृषि उपज मंडी को विधिसंगत कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया गया । जिस पर मंडी निरीक्षक कृष्ण कुमार मिश्रा द्वारा कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 23 के तहत विधिवत 21 हजार नौ सौ पन्द्रह रू. राशि का जुर्माना अधिरोपित कर वसूल रसीद सुपुर्द किया गया। उसके बाद तहसीलदार द्वारा क्षेत्रान्तर्गत के बेलतरा , सलखा , करमा , बामहू , टेकर , भाड़ी स्तिथ धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। जिसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही किये जाने के सख्त निर्देश समिति प्रबंधकों को दिए गए।
समिति में धान खरीदी हेतु अंतिम दो दिवस के लिए कटे टोकन , धान के भौतिक सत्यापन , बारदाने की उपलब्धता , उपस्थित किसानों का चिन्हांकन सहित खरीदे गए धान के उठाव की जांच की गई। जिस पर पाई गई खामियों को मौके पर दुरुस्त कराते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सहित किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश में खेती-किसानी में नये उत्साह का संचार हुआ है। खेतों से दूर हो रहे किसान खेतों की ओर लौटे हैं और खेती का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा बढ़कर 31.13 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.93 लाख किसानों का एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.03 लाख नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है।
किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न आए, इसको लेकर सभी केन्द्रों में बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही व्यवस्था पर मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की अधिकतम सीमा पिछले वर्ष के अनुसार 15 क्विंटल प्रति एकड़ लिंकिंग सहित निर्धारित की गई है। धान खरीदी हेतु बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है। धान खरीदी के लिए सभी समितियों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स का पंजीयन किया गया है। राज्य में अवैध धान की आवक रोकने तथा संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों पर निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं। सीमावर्ती सोसायटियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान का अवैध परिवहन न हो, इसकी रोकथाम के लिए चेकपोस्ट भी बनाए गए हैं, जहां अधिकारियों की टीम माल वाहकों पर कड़ी निगरानी रख रही है।
गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि तथा फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए तथा धान की खेती बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ की मान से 10 हजार सब्सिडी दी जा रही है।
बीते तीन वर्षों में राज्य के किसानों को 16 हजार 415 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। वर्ष 2019 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 18.43 लाख किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए के मान से 5627 करोड़ रूपए, वर्ष 2020 में 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रूपए तथा वर्ष 2021 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 24 लाख किसानों को तीन किश्तों में 5235 करोड़ रूपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। वित्तीय वर्ष के अंत तक किसानों को चौथी किश्त के रूप में 1745 करोड़ रूपए की सब्सिडी और दी जाएगी। इस प्रकार इस राज्य के किसानों को कुल 6980 करोड़ रूपए सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।