सामाजिक समरसता का मिसाल बना स्वदेशी मेला ,अनूठी केश सज्जा और मधुर गायकी ने बाधां समां , पढ़े पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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सामाजिक समरसता का मिसाल बना स्वदेशी मेला ,अनूठी केश सज्जा और मधुर गायकी ने बाधां समां ,

रायपुर – भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा आयोजित साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर में संचालित 07 दिवसीय स्वदेशी मेला अपने पूरे खुमार पर है। एक और शहरवासी मेले देखने के लिए लालायित हैं वहीं अपने-अपने हुनर और प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने के लिए भी युवाओं और प्रतिभागियों की होड़ लगी हुई है। मेले की सामाजिक समरसता को प्रमुखता देने के ध्येय के चलते शहर के विविध सामाजिक संस्थाओं की कला संस्कृति को प्रतिदिन मंच प्रदान किया जा रहा है जिससे आमजन भी रूबरू हो रहे हैं और सामाजिक समरसता को पोषण कर रहे हैं। सोमवार को प्रतियोगिताओं के चरण में दोपहर में केश सज्जा प्रतियोगिता हुई और शाम को ‘वॉइस ऑफ रायपुर‘ आयोजित किया गया जिसमें अपनी बेहतरीन गायकी और सुर, ताल से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आत्मनिर्भरता की राह को प्रशस्त करता और स्थानीय उत्पादों को मंच प्रदाने, स्वदेशी की भावना को जगाने के लिए विगत 19वर्षों से स्वदेशी मेला आयोजित किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही है और संगोष्ठी भी संपादित की जा रही है। इसी कड़ी मे स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत ‘‘एक कदम स्वावलंबन की ओर‘‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके तहत स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय महिला प्रमुख ने स्वावलंबी भारत अभियान की जानकारी दी व कैरियर काउंसलर अभिषेक बख्शी ने अभिभावकों को इंटेलिजेंट कोशिएंट के बजाए इमोशनल कोशिएंट पर ध्यान देना व उनको सामान्य डिग्री के स्थान पर वोकेशनल डिग्री के साथ तकनीकी दक्षता हासिल करने पर जोर दिया। शीला शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 22 से अधिक संगठन के सहयोग से देशभर में 12 जनवरी से स्वावलंबी भारत अभियान चलाया जा रहा है जिसमें प्रत्येक युवा 15-29 वर्ष को रोजगार देने व रचनात्मक दक्षता देने का प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक मोहन पवार ने घर-घर में स्वदेशी सामग्री की उपयोगिता बढ़ाने पर जोर दिया। स्वावलंबी भारत अभियान की सहसमन्वयक ने एमवायएसबीए डॉट को डॉट इन के बारे में जानकारी देते हुए डिजिटल वालंटियर बनने के बारे में बताया। मुकेश मिश्रा ने उत्पादों के पेटेंट के बारे में बताया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावक, स्वसहायता

समूह की महिलाएं व विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंजरी बख्शी ने व धन्यवाद ज्ञापन नीरज द्विवेदी ने किया।
दोपहर में मेला प्रांगण में महिलाओं के लिए केशसज्जा प्रतियोगिता हुई। जिसमें हेयरस्टाइल की अनूठी शैलियों के साथ बालों को विविध अट्रैक्टिव एसेसरीज से सजाया गया। इस प्रतियोगिता की निर्णायक मंडल में मौसमी जोसेफ, प्रभजीत कौर छाबड़ा और प्रमीला शर्मा शामिल थीं। इसमें 15 महिलाओं ने हिस्सा लिया। जिसमें प्रथम सुनीता जखमोला, द्वितीय सुषमा चोपकर एवं तृतीय पूजा राव रहीं, वहीं विषय पुरस्कार लंबे बालों के लिए गार्गी वोरा, दीपिका साहू व रोजा राव को दिया गया। इस प्रतियोगिता की प्रभारी संध्या बडोले, अनिता दुबे, भवानी राव, प्रिया भगत, अंकिता बर्धन, पूनम पांडेय, सुरतीन साहू और सुनंदा बघेल थीं।

मेले में संध्या से देर रात्रि तक वॉइस ऑफ रायपुर का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों की मधुर स्वर लहरियों से गुंजायमान रहा। प्रतियोगिता में 40 से ज्यादा लोगों ने कराओके और वाद्य यंत्रों के साथ सदाबहार फिल्मी पुराने गीतों को मनभावन प्रस्तुति दी। तो कुछ युवाओं ने नए जमाने के लोकप्रिय गीतों को गाकर समां बांध दिया। गीतों की मनोहारी महफिल का आनंद श्रोता साथ-साथ गुनगुनाते झूमते हुए उठाते रहे। बरखा रानी जरा जमक े बरसो…., सोचेंगे तुम्हे प्यार करें, तेरी मिट्टी में मिल जावां, आने से उसके आए बहार…., ऐ फूलों की रानी… जैसे मधुर गीत गाए गए। इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में दीक्षा धनगर, देवांजनी मुखर्जी और षुभांगी रूद्रजवार षामिल थे। सामाजिक समागम के तहत छत्तीसगढ़ी समाज की प्रस्तुति में बारहमासी नृत्य, एकल नृत्य, जसगीत, ज्वारगीत, करमा, बस्तरिया नृत्यों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी गई।

इसके प्रभारी धमेंद्र, लोकेष, आदित्य, लीला सोनी थे। इसमें लगाए स्टाल में व्यंजनों में फरा, चीला, बफौरी, छींट लड्डू, पिडिया, बोबरा, अरसा, खाजा, धुसका बड़़ा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। मंगलवार को दोपहर में रंगोली प्रतियोगिता होगी तो संध्या को समूह नृत्य की प्रस्तुतियां होगीं और सामाजिक समागम के तहत रंगीलो राजस्थान के तहत वहां की लोकसंस्कृति की पेशकश की जाएगी। मेले में मेला संयोजक अमर बंसल, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, मोहन पवार, शीला शर्मा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, शताब्दी पांडेय, सुब्रत चाकी, जगदीश पटेल, उमेश पटेल, सुचित्रा चित्तावार, सुलोचना बंका, सुनीता पाठक, सीमा कंधार, नैना चौबे, लक्ष्मी जिल्हारे, हर्षिता लांजेवार, अंकिता वर्धन, सीमा शर्मा, अर्चना वोरा, इंदिरा जैन, तृप्ति चौहान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दिन रात व्यवस्थाओं के संचालन में जुटे हुए हैं।

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