कोरोना काल में स्कूली शिक्षा में पड़े प्रभाव को कम करने गर्मी की छुट्टियों में कटौती, 15 मई से 15 जून तक रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश, पढ़ें पूरी खबर – गुरुआस्था न्यूज़

गुरुआस्था न्यूज़ प्रतिनिधि

कोरोना काल में स्कूली शिक्षा में पड़े प्रभाव को कम करने गर्मी की छुट्टियों में कटौती, 15 मई से 15 जून तक रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश,

रायपुर – पहली बार स्कूल शिक्षा विभाग ने बच्चों को दी जाने वाली गर्मी की छुट्टियों में कटौती करके उस दौरान बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना लक्ष्य तय किया है। कोरोना काल में स्कूली शिक्षा में पड़े प्रभाव को कम करने के लिए बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा।

समग्र शिक्षा विभाग के प्रबंध संचालक नरेंद्र दुग्गा ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश की अवधि में कटौती की गई है। इसी के आधार पर गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने की तैयारी की जा रही है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई को लेकर जो भी लर्निंग लास हुआ है, उसकी भरपाई के लिए काम चलेगा। बच्चों को सीखने-सिखाने के लिए प्रभावी नवाचारी तकनीक अपनाई जाएगी। बच्चों को निरंतर अकादमिक अभ्यास कराने के लिए कार्य योजना बनेगी। इसके लिए विशेष कार्य दल का गठन भी किया जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि बच्चों के पठन-पाठन को लेकर राज्य सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश हैं, उन्हीं के अनुरूप योजना बनाई जा रही है। गौरतलब है कि स्कूलों की छुट्टियों में इस बार कटौती की गई है। पहले जो अवकाश एक मई से शुरू हो जाता था, वह अब 15 मई से शुरू होगा।

राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सत्र 2021-22 में शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त स्कूलों और डीएड, बीएड, एमएड कालेजों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में संशोधन किया गया है। संशोधित आदेश के मुताबिक अब शैक्षणिक संस्थाओं में 15 मई, 2022 से 15 जून, 2022 तक कुल 32 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश दिया गया है।

विकासखंड स्तर के अधिकारी करेंगे मानिटरिंग

इस बार विकासखंड स्तर के अधिकारियों पर अधिक फोकस किया गया है। जिला, विकासखंड और संकुल स्तर पर बच्चों को पढ़ाने के लिए मानिटरिंग की जाएगी। इसके पहले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों में टेलीप्रेक्टीज और निक्लर एप के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

सौ दिनों के अभियान में सभी स्कूलों में विद्यार्थियों की वास्तविक स्थिति की एंट्री, सीजी स्कूलडाटइन पोर्टल में अनिवार्य रूप से करने के लिए कहा गया है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

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