गुरुआस्था न्यूज़
अपने ही विधायकों के सवालों से घिरे स्कूल शिक्षा मंत्री
रायपुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक छन्नी साहू ने खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जर्जर शाला भवनों की जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि कितने शासकीय प्राथमिक माध्यमिक हाईस्कूल और हाई सेकंडरी स्कूल भवनविहिन और जर्जर स्थिति में हैं। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने जवाब देते हुए कहा कि खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान स्थिति में तीन हाई स्कूल भवन विहीन 20 प्राथमिक शाला और छह पूर्व माध्यमिक शालाएं जर्जर हैं।
इसके बाद छन्नी साहू ने पूछा कि भवनविहिन स्कूलों और जर्जर स्कूल कब तक बन पाएंगे तो मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा- अभी वैकल्पिक व्यवस्था के साथ संचालित हो रहे हैं। प्राथमिकता के आधार पर कार्य लिए जा रहे हैं।
इसके बाद कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में बायोमेट्रिक टैबलेट से हाजिरी के संबंध में जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि स्कूलों में अधिकांश टैबलेट खराब हैं, इसके लिए कितनी राशि खर्च की गई है और सुधार सकेगा?
मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का जवाब
बच्चों की उपस्थिति और शिक्षकों की उपस्थिति निर्धारित करने के लिए व्यवस्था की गई है। वर्तमान में 7 टैबलेट उपयोगी और 636 टैबलेट अनुपयोगी हैं। खराब टैबलेट का सुधार शाला अनुदान निधि से किया जा सकता है।अनुप्रयोग की टैबलेट सुधार योग्य नहीं है।
आसंदी ने टिप्पणी करते हुए कहा – कंपनी से पूरे मामले की जानकारी ली जाए। बच्चों के साथ यह धोखा है। पूरे मामले की जांच करते हुए कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करें। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं हो रहा है। विधायक ने आग्रह किया कि विधानसभा से समिति गठित कर जांच कराई जाए। इस पर मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि जांच कराने लायक परिस्थितियां हैं। अनुपयोगी टैबलेट के सैंपल लिए गए थे और यह सुधार योग्य नहीं है। आसंदी की ओर से व्यवस्था की गई कि विधानसभा की ओर से जांच कमेटी पूरे मसले की जांच करेगी।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सूखा राशन की खरीदी और वितरण का मसला प्रश्नकाल में उठाया। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा- फिलहाल पका भोजन वितरित किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने पूछा- अनियमितता के कारण कोंडागांव के जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया है. सूरजपुर में कार्रवाई कब होगी? मंत्री टेकाम ने कहा- सिर्फ सूखा राशन में गड़बड़ी की वजह से निलंबित नहीं किया गया, बल्कि दूसरे मामले भी थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- मुंगेली और सूरजपुर का भी ऐसा ही मामला है। आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री को निर्देश दिया- मुंगेली और सूरजपुर मामले की भी जांच करा दीजिए।बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा- शिक्षा विभाग में क्या भोजन बच्चों को दिया जाए इसके लिए बीज विकास निगम की क्या भूमिका होगी? मंत्री टेकाम ने कहा- प्रोटीन भोजन देना है. बीज विकास निगम एक सरकारी संस्था है। मंत्री टेकाम ने कहा- सूरजपुर और मुंगेली के संबंध में जांच करा लेंगे।
शिक्षक भर्ती मामला को लेकर चंद्राकर ने दागे सवाल
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर नेस्कूलों में 15580 शिक्षक में से शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्याख्याता भर्ती का मामला उठाया। चंद्राकर ने पूछा कि पूछा कितनी भर्ती हुई? कितनी भर्ती बची है? चयनितों की सूची कब-कब जारी हुई? अतिथियों की संख्या कितनी है। इनका नियमितीकरण के लिए क्या प्लान है? और कब तक नियमितीकरण होगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रीम साय सिंह टेकाम का जवाब –
14,580 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में व्याख्याता- 2548 , शिक्षक 2814, सहायक शिक्षक 2209 पदों पर भर्ती पूर्ण हुई। व्याख्याता संवर्ग में- 629, शिक्षक संवर्ग में – 3083 और सहायक शिक्षक – 3297 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। व्याख्याता संवर्ग में 6130, शिक्षक संवर्ग में 7296, सहायक शिक्षक 4268 पदों पर शिक्षकों का दस्तावेज सत्यापन पूरा हो चुका, बाकी पर प्रक्रिया चल रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बची हुई भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर पाने की समय सीमा बताना संभव नहीं है। प्रदेश में 2020 से 6 दिसंबर 2021 तक अतिथि शिक्षकों की संख्या है 1,735 हैं, जिनके नियमितीकरण का समय सीमा बता पाना संभव नही है।
अजय चंद्राकार ने कहा 3 साल में अब तक 48 प्रतिशत शिक्षकों का सत्यापन नहीं हो पाया। कब तक सत्यापन हो पाएगा? 14580 की नियुक्ति सूची कब तक वैध रहेगी?
मंत्री ने कह – अभी 2566 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाधीन हैं। जब तक सभी का सत्यापन नहीं हो जाता हैं..तब तक वैध रहेगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रियों और अधिकारियों को दिया निर्देश। कहा- मंत्री पाइंटेड उत्तर दिया करें और तैयारी अच्छे से करके आया करें। अधिकारियों से कहा- सम्भावित प्रश्नों के उत्तर भी मंत्रियों को विभागीय अधिकारियों को दिया करेंं।