गुरुआस्था समाचार
पुलिसवाले वर्दी में नहीं बना पाएंगे रील्स, इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी
रायपुर – छत्तीसगढ़ में पुलिसवालों को इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल को लेकर पुलिस मुख्यालय ने गाइडलाइन जारी कर दी है। अब वर्दी में पुलिसवालों के गाने और ठुकमों पर रोक लगा दी गई है। अधिकारी-कर्मचारी अब वर्दी पहनकर इंटरनेट मीडिया पर रील नहीं बना पाएंगे। यही नहीं, सामान्य नागरिक के रूप में भी यदि कोई पोस्ट करेंगे तो यह स्पष्ट करना होगा कि यह उनकी व्यक्तिगत पोस्ट है। इससे विभाग को लेना-देना नहीं है। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन या उनके खिलाफ पोस्ट भी पुलिसकर्मी नहीं कर पाएंगे।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले डीजीपी अशोक जुनेजा ने इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिसकर्मी इंटरनेट मीडिया पर ऐसी पोस्ट कर रहे हैं, जिससे विभाग की गरिमा प्रभावित हो रही है। इसके साथ कई बार विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है।
नई गाइडलाइन के अनुसार, पुलिसकर्मी विभागीय पत्रों को सार्वजनिक नहीं करेंगे। इंटेलिजेंस और खुफिया काम में जुटे पुलिसकर्मियों के लिए इस गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश है। किसी भी अश्लील पोस्ट के प्रमोशन पर रोक लगी है। नशा और अपराधियों के पक्ष में अगर पुलिसकर्मी पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। थाने में नाच-गाने के वीडियो पर भी रोक लगाई गई है।
पिछले महीने राजनांदगांव से तबादला होने पर एक पुलिसकर्मी ने विदाई का वीडियो पोस्ट किया था। उसके बाद पुलिस विभाग ने उन पर कार्रवाई की थी।
नई गाइडलाइन में साफ किया गया है कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई पोस्ट नहीं की जाएगी। दरअसल, पुलिस परिवार के आंदोलन के दौरान बागी पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली थी। चुनावी साल में पुलिस परिवार के लोग एक बार फिर सक्रिय हुए हैं। ऐसे में विभाग की छवि को खराब होने से बचाने के लिए यह नियम लागू किया गया है।