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छत्तीसगढ़ में वाहनों में BH सीरिज़ का आदेश जारी, CG से सस्ता होगा BH
छत्तीसगढ़ के सड़कों पर जल्द ही भारत सीरीज (बीएच) की नंबर प्लेट वाले वाहन दौड़ते नजर आएंगे। नई व्यवस्था को शुरू करने के लिए परिवहन विभाग ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था। बीते दिनों कैबिनेट में स्वीकृति के बाद परिवहन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। स्वीकृति मिलते ही बीएच सीरीज का नंबर प्लेट जारी किया जाएगा यानि अब गाड़ियों के नंबर प्लेट पर सीजी की जगह बीएच लिखा जाएगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर गाड़ी का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, इसकी वजह से लोगों को कई तरह की मुसीबत उठानी पड़ती है। रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री ने इस असुविधा से बचने के लिए 2021 में भारत सीरीज नंबर प्लेट की शुरुआत की है। भारत सीरीज के नंबर के जारी होने के बाद वाहन मालिक को एक राज्य से दूसरे राज्य जाने पर स्थानीय आरटीओ में नंबर का पंजीयन नहीं करवाना पड़ेगा।
वहीं, एक बार नंबर मिलने के बाद यह पूरे देशभर में मान्य होगा। इसके लागू होने पर विभिन्न राज्यों में स्थानांतरित होने वाले केंद्र सरकार के शासकीय, अर्धशासकीय और बड़ी कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को राहत मिलेगी। ओडिशा बीएच सीरीज नंबर प्लेट को जारी करने वाला पहला प्रदेश है, बाकी अन्य राज्य भी इसी नक्शे कदम पर बढ़ रहे हैं।
इसलिए लाया गया
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नए राज्य में जाने पर गाड़ी को बिना रजिस्ट्रेशन के सिर्फ 12 महीने तक चलाया जा सकता है। इसके बाद अगर दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया तो भारी चालान पटाना पड़ सकता है। केंद्र की सरकारी नौकरी करने वालों के लगातार तबादले होते रहते हैं, उनके लिए बीएस सीरीज आप्शन लाया गया है।
फायदे और नुकसान
बीएच नंबर प्लेट लेने के कई फायदे हैं, अगर आपकी जाब में लगातार ट्रांसफर होते रहते हैं तो इस आप्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे दूसरे राज्य जाने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने का खर्च बचता है, वहीं बीएच सीरीज की वैलिडिटी पूरे भारत में है तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। नुकसान की बात करें तो यह केवल चुनिंदा लोगों के लिए है, सभी लोग इस सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, वहीं ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के लिए भी यह सुविधा नहीं है।
यह है नियम
बीएच सीरीज का नंबर लेने के लिए शासकीय, अर्धशासकीय और बड़ी कंपनी में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी का दफ्तर चार या उससे अधिक राज्यों में होना चाहिए। यह नंबर निजी उपयोग के लिए नया वाहन खरीदने के बाद आवेदन करने पर दिया जाएगा। यह उन लोगों के लिए मददगार होगा, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में बार-बार शिफ्ट होना पड़ता है। इसमें केंद्र सरकार के कर्मचारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाले शामिल हैं। गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 47 के तहत एक वाहन को दूसरे राज्य में अधिकतम एक वर्ष तक चलाने की छूट दी गई है।
वाहन की कीमत का आठ से 10 प्रतिशत टैक्स
बीएच सीरीज का नंबर प्लेट लेने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहनों के मालिकों को वाहन की कुल कीमत का आठ से 10 प्रतिशत टैक्स देना पड़ेगा। यह राशि 15 वर्ष के लिए एकमुश्त नहीं देनी पड़ेगी। इसे प्रति दो वर्ष में किस्तों में जमा करना पड़ेगा। इससे उन्हें अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। साथ ही कुछ प्रतिशत राशि ही टैक्स के रूप में अदा करने पड़ेगा। निर्धारित अवधि के बाद बकाया टैक्स की राशि उसे संबंधित आरटीओ में जमा करना होगा।