गुरुआस्था समाचार
छत्तीसगढ़ में कानून की स्थिति बदहाल – मरकाम
बिलासपुर – छत्तीसगढ़कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा का संविधान दिवस मनाना हास्यास्पद है ,जिनके अनुषांगिक संगठन ने 52 वर्षो तक अपने कार्यालय में झंडा नही फहराया, और झंडा का अपमान किया हो ,जो लगातार 400 पार पर संविधान बदलने की बात करते रहे , आज संविधान दिवस मनाने की बात कर रहे है,यही भाजपा की चाल और चरित्र है, संविधान देश के सर्वहारा समाज, गरीब, मजदूर, एससी ,एसटी ,महिला,अल्पसंख्यक, वृद्ध ,बच्चों से लेकर प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार देकर उन्हें अपना अधिकार और सम्मान दिया है ,उसे भी भाजपा खत्म करना चाह रही है,जिस पार्टी की कुंजी उद्योगपतियों के पास हो उससे गरीब जनता के विकास और समृद्धि की अपेक्षा नही की जा सकती ।
मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ इन 10 माह में अपराध का गढ़ बन चुका है,अपराधियो के हौसले बुलंद है, रेप ,मर्डर, लूट, डाका , सामान्य सी घटनाएं हो गई है, छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को लेकर कांग्रेस पार्टी चिंतित है और समय समय पर आंदोलन ,धरना,प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का काम रही है किन्तु सरकार जीत की गहरी नींद में सोई हुई है और जनता भोग रही है।
बढ़ते अपराध के बाद भी मुख्यमंत्री को सुशासन ही नजर आ रही है, शायद मुख्यमंत्री की डिक्शनरी में ऐसे ही सुशासन हो ? छत्तीसगढ़ की जनता का जीना दुश्वार हो चला है,लॉयन आर्डर तहस – नहस हो चुका है ,शासन कौन चला रहा है ,जनता समझ नही पा रही है , दोनों उपमुख्यमंत्री चला रहे है, कि वित्त मंत्री , कि सुपर सीएम मैडम चला रही है, कि दिल्ली -महाराष्ट्र से संचालित हो रहा है भ्रम की स्थिति में जनता जी रही है, भाजपा के अंदर जबरदस्त खींचातानी चल रही है ,वरिष्ठ और अनुभवी विधायक घर बैठे गए, अनुभव की कमी ,पहली बार के विधायक मंत्री बन बैठे ,जिससे भाजपा के अंदर द्वंद की स्थिति बनी हुई है ।
मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा किसानों के साथ धोखा कर रही है ,घोषणा पत्र में 21 क्विंटल धान खरीदने का वादा था पर अभी 15 क्विंटल खरीदा जा रहा ,शेष 6 क्विंटल का किसान क्या करे ? जिससे किसान परेशान है ,भाजपा 160 लाख टन खरीदने का लक्ष्य रखा है पर जो खरीदी 01 नवम्बर से होनी थी ,उसे 15 दिन किया गया इससे स्पष्ट है सरकार की नीयत ठीक नही है ,किसानों के धान में नमी बता कर वापस किया जा रहा है, साथ ही अन्य कारणों से धान रिजेक्ट कर रहे है ,भाजपा अपना वादा भूल गई है , किसानों को आर्थिक बोझ में लादने का कुप्रयास हो रहा है ,जिसका बस्तर जैसे सुदूर क्षेत्रो में विरोध शुरू हो गया है।