गुरुआस्था समाचार
नाबालिग लड़की का अपहरण व हत्या, अभियुक्त को मिली आजीवन कारावास की सजा
बिलासपुर – छत्तीसगढ़ के जैजैपुर में नाबालिग लड़की के अपहरण और हत्या मामले में न्यायालय का सख्त फैसला आया है।आरोपी को आजीवन कारावास की सजा कोर्ट ने दिया है।
जैजैपुर के बहुचर्चित नाबालिक लड़की के अपहरण और हत्या मामले में शक्ति शक्ति जिले की विशेष न्यायालय ने आरोपी जवाहर चंद्रा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में न्यायालय के विशेष न्यायाधीश श्री बी.आर. साहू ने पॉक्सो एक्ट के तहत कठोर सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध न केवल कानून बल्कि सामाजिक मूल्यों के भी खिलाफ है। इस महत्वपूर्ण मामले की संपूर्ण विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक गोपाल सतपथी द्वारा की गई थी, जबकि लोक अभियोजक श् राकेश महंत ने प्रभावी पैरवी की।
क्या था मामला
28 फरवरी 2022 की रात जैजैपुर थाना क्षेत्र के ग्राम चोरभट्ठी में एक नाबालिक लड़की के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया कि कोई व्यक्ति उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। जैजैपुर पुलिस ने तत्काल धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान, पुलिस को 3 मार्च 2022 को ग्राम चोरभट्ठी के डबरी तालाब में लड़की का शव मिला। शव की बरामदगी के बाद मर्ग क्रमांक 06/2022 के तहत धारा 174 जाफौ के तहत मामला दर्ज किया गया और कार्यवाही की गई। शव की जांच और पोस्टमॉर्टम के लिए तीन डॉक्टरों की टीम गठित की गई। कार्यपालिक दंडाधिकारी श्री लक्ष्मीकांत कोरी और सुश्री चंद्रशीला जायसवाल की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम कराया गया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि लड़की की मौत स्वाभाविक नहीं थी, बल्कि हत्या की गई थी। रिपोर्ट में मौत का कारण गला दबाना बताया गया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने मामले में धारा 302 (हत्या) को जोड़ते हुए जांच को तेज किया।
जांच के दौरान आरोपी की गिरफ्तारी
गहन जांच और मनोवैज्ञानिक तरीकों से की गई पूछताछ में पुलिस को जवाहर चंद्रा पर शक हुआ। हिरासत में लेने के बाद, आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसका नाबालिक लड़की के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसकी जानकारी दोनों के परिवारों और गांव वालों को हो गई थी।
जवाहर ने स्वीकार किया कि उसने लड़की को सुसाइड नोट लिखने के लिए मजबूर किया। आरोपी ने यह नाटक रचा कि दोनों आत्महत्या करेंगे। लेकिन, तालाब किनारे ले जाकर उसने लड़की के साथ जबरदस्ती की और फिर हत्या कर दी। पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने सुसाइड नोट लड़की के कपड़ों में रखकर शव को तालाब में फेंक दिया।
न्यायालय का फैसला
शक्ति विशेष न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने कहा कि यह अपराध समाज के ताने-बाने को कमजोर करता है और ऐसे अपराधों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।
बिलासपुर एसपी ने विवेचक की सराहना
इस मामले में जैजैपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी गोपाल सतपथी की सूझबूझ और कुशल विवेचना की सराहना पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह ने की है। उन्होंने कहा कि यह फैसला न्याय की जीत है और इससे समाज में कानून के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।लोक अभियोजक श् राकेश महंत ने प्रभावी पैरवी कर न्यायालय को सभी सबूतों और गवाहों की जानकारी दी, जिससे आरोपी को कठोर सजा दिलाने में सफलता मिली।यह घटना एक बार फिर से दर्शाती है कि कानून से बचना आसान नहीं है। ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को कठोर सजा देकर न्यायालय ने एक मिसाल कायम की है। यह फैसला समाज के उन तत्वों के लिए एक चेतावनी है, जो कानून को हल्के में लेते हैं।