गुरुआस्था न्यूज़
इस्लामवादी से लेकर बॉलीवुड के एजेंडा सेटर तक नहीं चाहते है 90 के दशक के इस इस्लामिक नरसंहार की सच्चाई को जनता की सामने लाया जाए
कश्मीरी पंडितों की हत्या और उनके पलायन पर आधारित “द कश्मीर फाइल्स” फिल्म की आजकल काफी चर्चा है। फिल्म देखकर लोग भड़क रहे हैं और उत्तेजित हैं कि इतने साल तक उनसे यह भयावह सच छुपाया गया। दर्शकों द्वारा कांग्रेस की भर्त्सना की जा रही है। फिल्म को लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है। कांग्रेस वी. पी. सिंह की सरकार जिसमें भाजपा भी शामिल थी और कश्मीर के उपराज्यपाल जगमोहन सिन्हा को दोषी ठहरा रही है वहीं भाजपा कांग्रेस पर घाटी से पंडितों को कश्मीर से बेदखल करने का षड़यंत्र रचने का आरोप लगा रही है।
वास्तव में 32 वर्षों तक भाजपा को छोड़कर किसी राजनैतिक दल ने इस मामले को कभी नहीं उठाया वे तुष्टिकरण की ही राजनीति करते रहे। जबकि भाजपा ने उनके लिए सहयोग भी जुटाया। सच पूछो तो कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा यासिन मलिक से हाथ मिलाने और उसकी आवभगत करने के बाद कांग्रेस को मुंह छुपाना भी मुश्किल है। पाकिस्तान समर्थित चरमपंथियों की ओर से कश्मीरी पंडितों की हत्या और उसके बाद उनके पलायन के दृश्यों को फिल्म में हू बहू उतारा गया है।
फिल्में भावाभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होती है। दर्शकों की कांग्रेस के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया देखते हुए बीजेपी चाहती कि अधिक से अधिक लोग इस फिल्म को देखें और सच्चाई से अवगत हों। बीजेपी की सरकारों ने फिल्म को टैक्स फ्री भी किया है और बीजेपी के लोग इस फिल्म को देखने के लिए लोगों से आग्रह भी कर रहे हैं। कहीं कहीं फिल्म को मुफ्त दिखाने की व्यवस्था भी लोगों द्वारा की जा रही है।
म.प्र. सरकार ने इस फिल्म को देखने के लिए पुलिस वालों को एक दिन की छुट्टी भी दी है।इस फिल्म को वाट्स एप लिंक पर देखने की सुविधा भी उपलब्ध है, परंतु कुछ लोगों द्वारा इसे षड़यंत्र का हिस्सा माना जा रहा है जिससे फिल्म निर्माता आय कम होने से हतोत्साहित होकर ऐसे विषयों पर फिल्म बनाने की न सोचें।यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित राज्यों में मल्टीप्लेक्स मालिकों को हाॅल में जगह खाली होने के बावजूद हाऊस फुल का बोर्ड लगाने पर मजबूर किया जा रहा है जिससे दर्शक फिल्म देखने से वंचित रहें।
पाकिस्तान समर्थक आतंकवादियों की बर्बरता, कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार और उनके पलायन से संबंधित सच को आम जनता तक पहुंचाने के लिए फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री के प्रति लोगों ने आभार व्यक्त किया है। कपिल शर्मा द्वारा फिल्म को प्रमोशन करने से इनकार करने की भी लोगों ने निंदा की है। लोगों का कहना है कि अत्याचारियों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए और कश्मीरी पंडितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए अयोध्या मसले की तर्ज पर प्रतिदिन सुनवाई होनी चाहिए।
फिल्म में आजाद भारत में हिंदुओं के प्रति ऐसा भीषण अत्याचार देखकर लोगों के दिल दहल उठे कुछ लोग शोक विव्हल होकर रो पड़े।फिल्म में बिट्टा कराटे अभिनीत पात्र द्वारा अपने साक्षात्कार में आर. एस. एस. का आदमी होने के कारण सतीष टिक्कू की नृशंस हत्या करना स्वीकार किया गया है। वास्तव में कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने में संघ की बड़ी भूमिका है। अखिल भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष मुखर्जी ने कश्मीर मसले पर अपने प्राण उत्सर्ग कर दिए थे।