गुरुआस्था समाचार
शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ थाने में FIR दर्ज,
बिलासपुर – प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, उनके बेटों और भतीजों के साथ-साथ गुर्गों के खिलाफ कोरबा पुलिस ने अपहरण, ब्लैकमेलिंग जैसी गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। इस महीने उनके खिलाफ यह दूसरी FIR है। इससे पहले बिलासपुर के तारबहार थाने में गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था।बिलासपुर संभाग के केबल व्यवसाय में नया विवाद शुरू हो गया है। यही कारण है कि शराब कारोबारी अमोलक भाटिया ओर उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज हो रहे है। भाटिया परिवार के सदस्यों पर सेट टॉप बॉक्स की क्लोनिंग करने का आरोप है।
बता दें कि बिलासपुर संभाग में अमोलक सिंह भाटिया का बड़ा काम है। पहले भी भाटिया का नाम कई विवादों से जुड़ता रहा है। ताजा मामला केबल के कारोबार से जुड़ा है। मूलत: देवास रोड इंदौर के रहने वाले अरविंद सिंह पनवार ने कोरबा सिटी कोतवाली के अंतर्गत मानिकपुर चौकी में अमोलक सिंह भाटिया, बबलू भाटिया, गुरुविंदर सिंह भाटिया, प्रिंस भाटिया, सोना भाटिया, कमलेश यादव, नितिन यादव, मुरारी एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 365, 384, 386, 506 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है। पनवार ने बंदूक का भय दिखाकर जबर्दस्ती दस्तावेजों में हस्ताक्षर कराने के आरोप लगाए हैं। पनवार का भी केबल का व्यवसाय है।
पिछले साल तीन अगस्त को भी शिकायत
केबल कारोबारी पनवार ने अपनी शिकायत में बताया है कि पिछले साल तीन अगस्त को सेटअप बॉक्स की क्लोनिंग और फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। इस पर दर्री थाने में जयपाल उर्फ विक्की गुलाटी, अंजन चौधरी, भास्कर चटर्जी, करन सिंह ठाकुर, उदय प्रताप सिंह, संतोष पटेल, प्रकाश गुप्ता, आशीष नामदेव, पुरुषोत्तम कर्ष, अजय गुप्ता, सतीश, वेदपुरी गोस्वामी, गंगापुरी गोस्वामी, राजीव पंजारिया और बृजेश यादव के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। पनवार के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अमोलक सिंह भाटिया, बबलू सिंह भाटिया आदि की संलिप्तता पाई थी।
इसके बाद से अलग-अलग लोगों द्वारा केबल व्यवसाय को प्रभावित करने, दफ्तर में कब्जा करने जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगे। इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी किया था लेकिन केस वापस लेने के लिए धमकी दी गई। पनवार ने बताया कि नीलेश दुबे नाम के व्यक्ति के जरिए कांफ्रेंस कॉल में गुरुविंदर भाटिया, प्रिंस भाटिया और सोना भाटिया ने बात की थी और केस वापस लेने के लिए दबाव डाला था। साथ ही, लाखों रुपए देने और किसी दूसरे स्थान पर नए सिरे से व्यवसाय शुरू करने का लालच भी दिया था।