विवादित IPS कल्लूरी को आयोग की क्लीन चिट ,न स्वामी अग्निवेश पर हमला करवाया और न ही घरों को जलाया, , पढ़ें पूरी खबर – गुरुआस्था न्यूज़

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विवादित IPS कल्लूरी को आयोग की क्लीन चिट ,न स्वामी अग्निवेश पर हमला करवाया और न ही घरों को जलाया,

रायपुर – छत्तीसगढ़ कैडर के विवादित आईपीएस एसआरपी कल्लूरी को बड़ी राहत मिली है. बस्तर में पोस्टिंग के दौरान उनपर लगे कई गंभीर आरोपों में उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. न्यायिक जांच आयोग ने उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार नहीं माना है. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में ताड़मेटला, मोरपल्ली, तिम्मापुरम मुठभेड़ और अग्निकांड के अलावा दोरनापाल में स्वामी अग्निवेश के साथ घटित घटना की जांच के लिए गठित विशेष न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट और शासन द्वारा की गयी कार्रवाई का ब्यौरा पेश किया.

जस्टिस टीपी शर्मा की अध्यक्षता में  विशेष न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था. रिपोर्ट में इस घटना के लिए कहीं भी तत्कालीन एसएसपी एसआरपी कल्लूरी को दोषी नहीं बताया गया है. 511 पेज में बनी घटना की जांच  रिपोर्ट में एक तरह से एडीजी एसआरपी कल्लूरी को क्लीन चिट दे दी गई है. जांच आयोग की रिपोर्ट ने ताड़मेटला मोरपल्ली तिम्मापुरम में ग्रामीणों के घरों को जलाने की घटना को तो स्वीकार किया गया है, लेकिन यह टिप्पणी की है कि मकान किनके द्वारा जलाए गए. इस संबंध में साक्ष्य नहीं हैं. अतः आगज़नी के लिए किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं कहा जा सकता है. जबकि इस घटना के लिए अब तक कल्लूरी पर ही आरोप लगते आये हैं. विधानसभा में पेश की गयी जांच रिपोर्ट तत्कालीन एसएसपी एसआरपी कल्लुरी को क्लीन चिट भी देती है. आयोग ने इस संबंध में आए मौखिक साक्ष्य को विश्वसनीय नहीं माना है.

क्या था मामला?
बता दें कि 16 मार्च 2011 को बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले ( जो अब सुकमा है) के ताड़मेटला, मोरपल्ली, तिम्मापुरम में करीब ढाई सौ आदिवासियों के घर जला दिए गए थे और इस घटना के लिए तो सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को जिम्मेदार बताया था. जबकि ग्रामीणों का आरोप था कि सुरक्षाबलों ने ही गांव में आग लगाई है. उस समय इस घटना की गूंज राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दी थी. साथ ही इस घटना के 10 दिन बाद प्रभावितों से मिलने जा रहे स्वामी अग्निवेश के काफिले पर दोरनापाल में हमला हो गया था और आरोप था कि पुलिस ने सलवा जुड़ूम के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उन्हें रोका था. इस मामले में तत्कालीन एसएसपी एसआरपी कल्लूरी की शिकायत भी मानव अधिकार आयोग से की गई थी. लेकिन घटना की न्यायिक जांच आयोग ने रिपोर्ट दी है और कल्लूरी को इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार नहीं माना है.

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