गुरुआस्था समाचार
पैदल मार्च कर पूर्व मंत्री ने बिजली की समस्या को लेकर सौपा ज्ञापन, कहा -बिजली बिल हाफ की जगह भूपेश सरकार ने बिजली सप्लाई कर दी हाफ
न्यायधानी बिलासपुर सहित विभिन्न अंचलों में बिजली की समस्या को लेकर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मोर्चा खोलते हुए भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई एवं नगर मंडल के विभिन्न कार्यकर्ता पदाधिकारियों के साथ देवकीनंदन चौक से सदरबाजार गोलबाजार सिटी कोतवाली क्षेत्र में पैदल मार्च करते हुए श्याम टॉकीज के सामने बिजली विभाग के ऑफिस में पहुंचकर ज्ञापन सौपा।
इस मौके पर श्री अमर अग्रवाल ने कहा बिलासपुर शहर में बिजली गुल होने की समस्या आम बात हो गई है,जिससे शहर के आम नागरिकों को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। सर्वांगीण विकास हेतु विद्युत उपलब्धता महत्वपूर्ण आयाम है जो व्यक्ति विशेष के जीवन को बेहतर करता है। छत्तीसगढ़ राज्य में परिस्थितियों, संसाधनों की प्रचुरता से विद्युत क्षेत्र में तीव्र वृद्धि होने के बावजूद भी आम नागरिकों को विद्युत उपलब्धता से वंचित किया जाना पूर्णतया अनुचित है। प्रदेश में ग्रामीण विद्युतीकरण शत प्रतिशत है लेकिन ग्रामीण इलाको में बिजली गोल रहना आम बात है। शहरी क्षेत्रों में मेंटेनेंस की आड़ में बिजली कटौती की जारी है।
उन्होंने कहा कि बिजली विभाग की कंपनियों की लचर प्रणाली से जनता आक्रोशित हैं। बिजली सरप्लस स्टेट होने के बावजूद न्याय धानी बिलासपुर में शहर की चरमराई विद्युत व्यवस्था से घंटों बिजली गुल रहने और बिजली की आंख मिचौली से नगरवासियों की नींद हराम हो गई है। लोगों की यह भी शिकायत है कि विद्युत विभाग में कर्मचारी फोन को व्यस्त रखते हैं जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए कंप्लेंन सिस्टम भी ठप्प पड़े रहता है।ओवर बिलिंग की समस्या से आम नागरिक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। खपत की तुलना में बढ़ा हुआ बिजली बिल देखकर अनेको आम उपभोक्ता बिल एडजस्ट कराने ऑफिसो के चक्कर लगाने को मजबूर है। अनेको उपभोक्ताओ के पूर्व भुगतान का बकाया दिखाकर बिजली बिल हाफ की पात्रता से वंचित किया जा रहा है।
बिजली बिल हाफ का वादा बिजली हाफ में करके दिया जा रहा है। विभाग की लचर व्यवस्था से लोगों को सही तरीके से बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। सुधार के नाम पर काम चलाऊ मरम्मत की परंपरा के चलते अब लंबे समय तक लाइट का चले जाना बड़ी समस्या बनने लगी है। विभाग के इस अव्यवस्था से जहां आमजन परेशान है वहीं व्यवसायी भी नाराज है।बारिश का मौसम आने पर परेशानी और भी ज्यादा भयावह होने लगती है। बिजली को इस आंख मिचौली से रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतरने लगी है। लेकिन लगता नहीं बिजली विभाग इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने को लेकर गंभीर है।शहर की बिजली व्यवस्था लम्बे समय से काम चलाऊ हिसाब में चलती रही है। चाहे झूलते तारों की बात हो या जर्जर ट्रांसफार्मरों की इन विषयों पर कभी विभाग संजीदा नजर नहीं आता।
भरोसे की बात करके भरोसा लूटने वाले मुख्यमंत्री
बिजली की दरों में कमी और अघोषित कटौती बंद करने की तख्तियां लिए पूर्वमंत्री अमर अग्रवाल और भाजपा पदाधिकारियों ने तपती दोपहरी में पैदल मार्च करते हुए भरोसे की बात करके भरोसा लूटने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चेतावनी देते हुए कहा कि बिजली के उत्पादन, वितरण, पारेषण में लाइन लॉस और मेंटेनेंस को भी सही ढंग से बिजली विभाग वाले अंजाम नहीं दे पा रहे हैं, अकारण बिजली की दरो में बढ़ोतरी करके जनता के सामने झूठ परोसा जा रहा है।कंपनियों को होने वाले घाटे की आपूर्ति उपभोक्ताओं से पूरी की जा रही है।
बिजली कंपनियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और बिजली चोरी पर नियंत्रण नहीं होने से से उत्पादन महंगा हो रहा है जिससे लोगों को बिजली अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।1 अप्रैल 2022 से मिस्टर भरोसेलाल की सरकार ने बिजली बिल हाफ की जगह विद्युत के टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी, नये टेरिफ के मान से घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 10 रुपए अधिक देने पड़ रहे है। अमर अग्रवाल ने कहा बिजली चोरी से बढ़ते लाइन लास, उत्पादन, वितरण एवम प्रबंधन की खामियों को दूर किया जाए तो छत्तीसगढ़ में औसत ₹4 की कीमत पर भी बिजलियां उपभोक्ताओं को मिल सकती है, इस ओर सरकार के द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है।
पैदल मार्च के दौरान कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे मंडल अध्यक्ष नगर निगम उप नेता प्रतिपक्ष राजेश सिंह, अजीत सिंह भोगल, लक्ष्मीनारायण कश्यप, अमित चतुर्वेदी, राजेश पाण्डेय, शैलेन्द्र यादव, वैभव गुप्ता, मनीष अग्रवाल, महेश चन्द्रिकापुरे, जुगल अग्रवाल, नारायण गोस्वामी, अमित तिवारी, मोनू रजक, राजेश मिश्रा, बंधु मौर्य, अरविंद बोलर, श्रीकांत सहारे, कमल कौशिक, पंकज तिवारी, रंगा नादम, आशीष तिवारी, प्रवीन सेन, उदय मजूमदार, वल्लभ राव, दीपक सिंह, नितिन छाबड़ा, विजय ताम्रकार, चंद्रप्रकाश मिश्रा, रोहित मिश्रा, महर्षि बाजपयी अंचल दुबे, विश्वजीत ताम्रकार, विजय सिंह, संदीप दास, प्रकाश यादव, मुकेश राव, चंदना गोस्वामी, शोभा कश्यप, संतोषी देवांगन, रजनी यादव, कंचन दुसेजा, और मनीषा नंदी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पदाधिकारी शामिल हुए।