गुरुआस्था समाचार
चीटियों का विवाद पहुंचा थाने, पड़ोसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंची महिला ,
आज तक हम सभी ने थाने में चोरी, डकैती, हत्या जैसे मामले आते देखे हैं. लेकिन रायपुर के सिविल लाइन थाने में एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां चिटियों को पालने को लेकर विवाद थाने तक पहुंच गया है. अब पुलिस मामले को सुलझाने में जुट गई है. दुनिया में तरह तरह के लोग रहते है. और कुछ लोग बड़े अजीब शौक पाले हुए है. आपने कुत्ता, बिल्ली, तरह तरह के पक्षी पालते हुए लोगों को अक्सर देखा होगा पर आज हम जिस इंसान की बात कर रहे है उसे चींटियां पालने का शौक है और उसने अपने घर पर हजारों की संख्या में चींटियां पाल रखी हैं. वह उन चींटियों को अपनी संतान मानता है. और यह इनके साथ पिछले 15 सालों से रह रहा है.
पुलिस से की मामले की शिकायत
दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सिविल लाइन थाना क्षेत्र के राजा तलाब निवासी जाहिदा बेगम ने शिकायत की है कि उसके पड़ोसी ने अपने घर पर चींटियां पाल रखी हैं जो उनके घर पर भी घुस रही हैं. और उनको हटाने की कहने पर विवाद हो रहा है. पड़ोसी जुम्मन खान ने अपने घर में बने एक टैंक में चींटियां पाल रखी हैं. इस टैंक में से चींटियां निकल कर महिला के घर पर घुस जाती हैं. क्योंकि इस महिला का घर उसी टैंक के सामने बना हुआ है और अभी उनका घर बन कर पूरी तरह तैयार नहीं है.
पर जब पूरी तरह बन कर तैयार हो जाएगा तो चींटियों का झुंड उनके घर के अंदर भी रहने लगेगा. अभी भी वह चींटियां घर पर काम करने आ रहे मज़दूरों को परेशान कर रही हैं. जिससे कोई काम करने को तैयार नहीं हो रहा है. महिला ने थाने में शिकायत कर बताया कि जब उन्होंने चींटियों को हटाने के लिए कहा तो जुम्मन खान और उसके बेटे ने रसूक लोगों के साथ अपने रिश्तों को बताया और धमकी भी दी. विवाद बढ़ता गया और थाने आना पड़ा.
स्थानीय निवासी जोया का कहना है कि चींटियां किसी को परेशान नहीं करती हैं. वे उसी टैंक में रहती है जो उनके लिए बनाया गया है. हम लोग उनको वहीं शक्कर दे देते है वह वहीं रहती है. न ही किसी पड़ोसी को कोई समस्या है और न हम लोगो को कोई समस्या है.
15 साल से चींटियों को खिलाते हैं शक्कर
वहीं इस पर जुम्मन का कहना है कि कोई कुत्ता पालता है, कोई गाय को रोटी देता है, मैं चींटियों को शक्कर खिलाता हूं. आज से नहीं खिला रहा 15 साल हो गए ये करते-करते. किसी को परेशानी नहीं होती है. लेकिन ये महिला जानबूझकर मेरे खिलाफ शिकायत कर रही है. ये चींटियां उस टैंक से बाहर नहीं जाती है वहीं रहती है. ये मेरी संतान की तरह हैं. मै इन्हे रोज शक्कर खिलाता हूं और इतनी खिलता हूं कि इन्हे कहीं जाने की जरूरत नहीं है. मेरी चींटियां रोज करीब डेढ़ किलो शक्कर खाती है. इन जीवों की सेवा मुझे पसंद है. मैं इन्हें खुद से जुदा नहीं कर सकता.