गुरुआस्था समाचार
भीड़ का उकसाने के लिए AAP विधायक अखिलेश त्रिपाठी व संजीव झा दोषी करार, जानिए पूरा मामला ,
राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी, संजीव झा और 15 अन्य को अवैध रूप से सभा करने, भीड़ को भड़काने और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के आरोप में दोषी ठहराया है। यह पूरा मामला 2015 का है। केस की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने बिना किसी संदेह के साबित कर दिया कि संजीव झा और अखिलेश पति त्रिपाठी एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा थे और उन्होंने नारेबाजी कर भीड़ को उकसाया था। उन्होंने लोगों को हिंसक होने के लिए प्रोत्साहित किया और पथराव में हवलदार भारत रतन, मोहन लाल और कांस्टेबल बाबू लाल घायल हो गए।
अदालत ने आप विधायकों के साथ बलराम झा, श्याम गोपाल गुप्ता, किशोर कुमार, ललित मिश्रा, जगदीश चंद्र जोशी, नरेंद्र सिंह रावत, नीरज पाठक, राजू मलिक, अशोक कुमार, रवि प्रकाश झा, इस्माइल इस्लाम, मनोज कुमार, विजय प्रताप सिंह, हीरा देवी और यशवंत को भी दोषी ठहराया गया था। वहीं, दस आरोपित गोरा चंद दास, विनोद सिंह, आत्म संतोष, रोशन कुमार मिश्रा, नरेंद्र कुमार पुत्र सोनी, नरेंद्र यादव उर्फ ठेकेदार, शशि मोहन, बसंत गोस्वामी, प्रेम शंकर और अरुण झा को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
ये मामला है
घटना 20 फरवरी 2015 की रात की है। भीड़ ने दो लोगों की हिरासत की मांग करते हुए बुराड़ी थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने आरोप लगाया था कि आप विधायक भीड़ में शामिल हो गए और उन पर हमला कर दिया और पथराव कर दिया। अभियोजन पक्ष ने अपनी दलीलों को साबित करने के लिए 24 गवाह पेश किए। वहीं, बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि वे भीड़ को नहीं भड़का रहे थे, लेकिन स्थिति को शांत करने के लिए थाने गए। अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष के गवाह अपने बयानों में घटना के स्थान पर दो विधायकों की उपस्थिति को साबित करने में कामयाब रहे और इससे पता चलता है कि आप विधायक न केवल सक्रिय भागीदार हैं बल्कि वास्तव में भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे।