गुरुआस्था समाचार
धर्मांतरण करने वालों को नही मिलना चाहिए आरक्षण का लाभ ,
बिलासपुर – छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के पी खांडे का कहना है धर्म परिवर्तन करने के बाद आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए, इस मामले में हम केंद्र सरकार से सहमत है। अनुसूचित जाति के लोगों में ज्यादा अपराध होने के पीछे अशिक्षा जिम्मेदार है। लोग शिक्षित होंगे तो अपराध घट जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष के पी खांडे एक दिवसीय प्रवास पर शनिवार को बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान समाज के लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि पहले आयोग में एक अध्यक्ष और एक सदस्य होते थे। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष और 4 सदस्य बनाया। आयोग में संख्या बढ़ने से अब सभी क्षेत्रों में जाकर प्रताड़ना और अत्याचार की सुनवाई कर सकेंगे।
उनसे पूछा गया की अनुसूचित जातियों में अपराध करने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है। इसे रोकने के लिए क्या करेंगे ? इस पर उन्होंने कहा कि अपराध ज्यादा होने के पीछे की मुख्य वजह अशिक्षा सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। हमारे समाज में अभी भी शिक्षित लोग बहुत कम है। इसकी वजह से न तो उन्हें सही – गलत की जानकारी हो पाती है और न ही संविधान और कानून का ज्ञान होता है। अपराध पर काबू पाने के लिए समाज के लोगों को शिक्षित करना जरूरी है। ताकि वो लोग अपने अधिकार और कर्तव्य के बारे में जान सके।
केवल अधिकार की बात करना भी गलत है कर्तव्य को जानना भी बहुत जरूरी है। जब उनसे पूछा गया की अभी – अभी केंद्र की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दिया है जिसमे धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने की बात कही है। क्या केंद्र के इस फैसले से सहमत है ? तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा की हम केंद्र सरकार के इस फैसले से सहमत है।
अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करके ईसाई या मुस्लिम बन गए है उन्हे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि पहले की तरह न तो गरीबी है और न छुआछूत की भावना है, अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए कानून है, इसके बाद भी यदि कोई धर्म परिवर्तन करता है गलत है। इसका सीधा मतलब है की ऐसे लोग प्रलोभन और लाभ के लिए धर्मांतरण करते है तो ऐसे लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।