शासकीय जमीन को निजी लोगों को आवंटित करने के खिलाफ लगी है याचिका ,हाईकोर्ट ने आवंटन की मांगी जानकारी , पढ़े पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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शासकीय जमीन को निजी लोगों को आवंटित करने के खिलाफ लगी है याचिका ,हाईकोर्ट ने आवंटन की मांगी जानकारी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश की शासकीय भूमि के आवंटन के मामले में सोमवार को राज्य शासन के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से शपथपत्र के साथ जानकारी मांगी है। चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत ने ऐसी भूमि पाने वालों का रिकॉर्ड भी प्रस्तुत करने को कहा है।

सरकारी जमीन के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को दिए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इसमें भाजपा नेता सुशांत शुक्ला की तरफ से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने राज्य शासन के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें सात हजार पांच सौ वर्ग फीट तक भूमि आवंटन का अधिकार कलेक्टर को दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय उपभोक्ता कांग्रेस विरुद्घ मध्य प्रदेश शासन के मामले में 2011 में आदेश पारित किया है। इसमें शासकीय जमीन के आवंटन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जमीन आवंटन के मामले में शासन की ओर से 11 सितंबर 2019 को जारी आदेश नियमों के खिलाफ है, जिसे निरस्त किया जाए।

अमीर और व्यापारियों को लाभ देने के लिए बनाया गया है नियम

आरंग के पूर्व विधायक नवीन मार्कंडेय ने हिमांशु पांडेय के माध्यम दायर जनहित याचिका में बताया है कि शासन ने यह नियम अमीर और बड़े व्यावसायियों को लाभ देने के लिए बनाया है। क्योंकि, इस आदेश का लाभ सिर्फ बड़े और व्यावसायिक लोगों को मिलेगा। इसमें 15 से 20 हजार वर्गफीट की जमीन की आवंटन स्वीकृति शासन अपने चहेते लोगों को दे रहा है। याचिका में बिना बोली लगाए, सिर्फ आवेदन जमा करने के आधार पर भूमि आवंटन की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह से जमीन आवंटन से भू-माफिया और उच्च आय वर्ग को ही लाभ मिलेगा।

हाईकोर्ट ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से शपथपत्र के साथ मांगी जानकारी

पूर्व में हुई सुनवाई के बाद सोमवार को चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के पक्ष को सुनने के बाद हाईकोर्ट राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा विभाग के सचिव को इस मामले में शपथपत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। साथ ही जिन-जिन लोगों को इस योजना के तहत जमीन आवंटित की गई, उनके नाम सहित पूरी जानकारी एफिडेविट के माध्यम से प्रस्तुत करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होगी।

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