गुरुआस्था समाचार
एसईसीएल ने माइनिंग सर्विसेज़ के लिए 2,063 करोड़ रुपये का जारी किया सबसे बड़ा टेंडर ,
एसईसीएल ने अपनी गेवरा खदान में कोयला हैंडलिंग, ट्रांसपोर्ट व अन्य खनन गतिविधियों के लिए भारत सरकार के जेम (GeM – Government E-market Place) पोर्टल पर एक बड़ा टेंडर जारी किया है। लगभग 2063 करोड़ रुपये की लागत वाला यह टेंडर माइनिंग सर्विसेज़ (कंपोज़िट वर्क) के लिए किसी भी कंपनी द्वारा जारी किया गया अब तक का सबसे बड़ा टेंडर है। इस टेंडर के जरिये कंपनी मेगा प्रोजेक्ट गेवरा में ओबीआर (ओव्हर बर्डन रिमूवल) और कोयला उत्पादन से लेकर ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में प्राइवेट संस्थाओं का सहयोग लेकर खदान की उत्पादन क्षमता का विस्तार करेगी।
निविदा आमंत्रण से लेकर संस्था के चयन की पूरी प्रक्रिया जेम पोर्टल द्वारा की जाएगी। चयनित संस्था के साथ एसईसीएल का कांट्रैक्ट लगभग 5 साल के लिए होगा। इसके तहत चयनित संस्था गेवरा खदान में सरफेस माइनर, एचईएमएम, पेलोडर एवं टिपर तथा वर्टिकल टिपर की मदद से ओबीआर, कोयला खनन, कोयला ट्रांसपोर्ट एवं अन्य खनन गतिविधियों से जुड़ी सेवाएँ प्रदान करेगी। गेवरा भारत ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी खदानों में से एक है और हाल ही में इसने एक वर्ष में 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने वाली देश की पहली खदान बनने का गौरव हासिल किया है। यहाँ कोयले का अकूत रिज़र्व मौजूद है जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जेम पोर्टल सरकारी खरीद-फरोख्त के लिए बनाया गया एक ऑनलाइन पोर्टल है। 2016 में शुरू किए गए इस पोर्टल का लक्ष्य सरकार एवं उसके उपक्रमों द्वारा की जाने वाली ख़रीदारी को कुशल, पारदर्शी और समावेशी बनाना है। इससे सरकारी ख़रीदारों को कई फायदे हैं जैसे देशभर के विक्रेताओं से बोली आमंत्रित करने की सुविधा, निविदा की प्रक्रिया में गतिशीलता, मल्टी-बिड, कई आपूर्तिकर्ताओं से मूल्य रुझान और मूल्य तुलना आदि। जेम पोर्टल में एक आसान डैशबोर्ड के जरिये खरीदार को एकीकृत भुगतान प्रणाली, नोटिफिकेशन के जरिये सीधी सूचनाएं, त्वरित समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए निविदा आमंत्रण की प्रक्रिया को सरल बनाने और इसमें अधिक से अधिक पारदर्शिता लाने के लिए एसईसीएल भी जेम पोर्टल के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है। 2063 करोड़ रुपये के बड़े टेंडर को जेम के जारी करना इसी दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है जिससे निजी संस्थाओं के साथ मिलकर कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।