गुरुआस्था समाचार
एससी, एसटी, ओबीसी महासंघ ने की राज्यसभा के लिए दावेदारी ,
बिलासपुर – प्रेस क्लब में रविवार को एससी, एसटी, ओबीसी माइनॉरिटी महासंघ ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग से राज्यसभा में सांसद बनाए जाने की मांग की है। डॉ संतोष साहू, ऋषि कश्यप, लवकुश साहू, डॉ मंतराम यादव, गौरीशंकर कौशिक, जय प्रकाश सिंगरौल, क्रांति कुमार साहू ने पत्रकारों को बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में अनूसुचित जाति वर्ग और पिछड़ा वर्ग की संख्या बहुतायात है। प्रदेश के आधे से ज्यादा विधानसभा सीट में जीत हार के लिए अनूसुचित जाति, जनजाति वर्ग व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार आने के पूर्व भारतीय जनता पार्टी लगातार तीन पंचवर्षीय योजना में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतती आ रही थी। उक्त जीत के सिलसिले को तोड़ने और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग एक तरफा वोट देकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई।
00 अनुसूचित जाति वर्ग
छत्तीसगढ़ राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग की आबादी के आधार पर इस वर्ग को राज्यसभा जैसे उच्च सदन में प्रतिनिधित्व देने की परंपरा विगत वर्षों से चली आ रही थी। लेकिन पिछले कार्यकाल में इस वर्ग के किसी योग्य व्यक्ति को राज्यसभा में भेजने की परंपरा टुट गई थी और इस वर्ग को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व से वंचित होना पड़ा है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इस विषय पर समाज के बुद्धिजीवी लोग चितिंत है और प्रदेश स्तरीय सामाजिक बैठक कर मांग कर रहे हैं कि इस वर्ष राज्य सभा सदस्य की 2 सीट खाली हो रही है उनमें से एक सीट पर अनूसुचित जाति वर्ग का अधिकार सुनिश्चित किया जाए।
राज्यसभा की 2 सीट में से एक सीट पर अनुसूचित जाति का अधिकार भी बनता है। इसके लिए समाज के लोग बैठक कर आपसी सहमति बनाकर समाज के पढ़े-लिखे योग्य व्यक्तियों का चयन कर तीन नामों का पैनल बनाया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग
अन्य पिछड़ा वर्ग की भी आबादी छत्तीसगढ़ में काफी है इस वर्ग को भी राज्य सभा में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। वर्तमान में इस वर्ग से राज्यसभा में अभी छाया वर्मा सदस्य हैं परन्तु इनका कार्यकाल 29 जून 2022 को पूर्ण हो रहा है। छाया वर्मा कि सीट खाली होने पर इस वर्ग का राज्यसभा में कोई भी प्रतिनिधित्व नही होगा। इसलिए राज्यसभा की एक सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के खाते में जाना इस वर्ग के भागीदारी के लिहाज से उचित होगा।
अनुसूचित जनजाति वर्ग
अनुसूचित जाति वर्ग की भूमिका भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण रही है। अभी वर्तमान में राज्यसभा एवं लोकसभा में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व पूर्व से ही है। इसलिए सामाजिक बैठक में इस वर्ग से किसी व्यक्ति को राज्य सभा सदस्य के लिए नामित नहीं किया गया है। अगर पार्टी फिर भी इस वर्ग को और भी प्रतिनिधित्व देने के बात सोचती है तो भी हमारे संगठन को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
सामाजिक बैठक की कार्यवाही
दिनांक 03 अप्रैल 2022 को बिलासपुर, 10 अप्रैल 2022 को बिलासपुर, 16 अप्रैल को रायपुर और 24 अप्रैल को रायपुर में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के बुद्धजीवियों की प्रदेश स्तरीय बैठक आहूत की गई, जिसमें उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से सम्मानित राज्यसभा सदस्य के लिए सामाजिक शर्तें निर्धारित की जिसमें तय किया गया कि जो भी व्यक्ति राज्यसभा सदस्य बनता है वे “पे बैक टू सोसायटी के तहत सामाजिक, शैक्षणिक व समाजोपयोगी गतिविधियों के संचालन के लिए अपनी सैलरी से प्रतिमाह 30 प्रतिशत की राशि समाज के चरणों में अर्पित करेगा।
दूसरा राज्यसभा सदस्य के लिए नामित व्यक्ति समाज को एक नोटरीकृत शपथ देगा जिसमें अंकित रहैगा कि अगर मैं समाज की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरूंगा या संविधान विरोधी निर्णयों को अपनी आवाज बुलंद करने में असमर्थ रहूँगा तो समाज मुझे वापस बुला सकेगा। जिसके लिए मैं अपना इस्तीफा अभी से समाज को सौपता हूँ।समाज के लोगो ने यह भी तय किया है कि सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक चेहरे को राज्यसभा सदस्य बनाया जाए इसके लिए बराबर अनुसूचित जाति वर्ग से 3 नामो का और अन्य पिछड़ा वर्ग से चार नामो का पैनल बनाया गया है जो इस प्रकार है अन्य पिछड़ा वर्ग से :
1. बृजेश साहू, बिलासपुर जिला
2 श्याममूरत कौशिक जी बिलासपुर जिला
3 कांति साहु जी, बिलासपुर जिला
4 कुमार राज कश्यप
अनुसूचित जाति वर्ग से
1/ प्रो. डॉक्टर प्यारेलाल आदिले, कोरबा जिला
2/ विजय कुमार कुरै जी. रायपुर जिला
समाज के प्रतिनिधि मंडल ने प्रेसवार्ता कर बताया कि पिछले दिनो प्रदेश के प्रत्येक जिलो से समाज के लोगो ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव पी.एल. पुनिया, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को ज्ञापन देकर उक्त सभी बातों पर विचार करते हुए उनमे से किन्हीं दो योग्य व्यक्तियों को राज्य सभा सदस्य के लिए उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया है।