गुरुआस्था समाचार
अक्षय तृतीया पर संत श्री आशाराम बापू प्रेरित महिला उत्थान मंडल बिलासपुर की बहनों ने किये छाछ वितरण ,
वैशाख शुक्ल तृतीया की महिमा मत्स्य, स्कंद, भविष्य, नारद पुराणों व महाभारत आदि ग्रंथों में है। इस दिन किये गये पुण्यकर्म अक्षय व अनंत फलदायी होते हैं, अतः इसे अक्षय तृतिया कहते हैं। यह सर्व सौभाग्यप्रद है।
यह युगादि तिथि यानी सतयुग व त्रेता युग की प्रारम्भ तिथि है। श्रीविष्णु का नर-नारायण, हयग्रीव और परशुरामजी के रूप में अवतरण व महाभारत युद्ध का अंत इसी तिथि को हुआ था।
इस दिन बिना कोई शुभ मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ या सम्पन्न किया जा सकता है। जैसे–विवाह, गृह-प्रवेश या वस्त्र-आभूषण, घर, वाहन, भूखंड आदि की खरीददारी, कृषिकार्य का प्रारम्भ आदि सुख-समृद्धि प्रदायक है।
अक्षय तृतीया के दिन किया गया उपवास, जप, ध्यान, स्वाध्याय भी अक्षय फलदायी होता है।
बिलासपुर – अक्षय तृतीया एवं भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री योग वेदांत सेवा समिति बिलासपुर महिला मंडल द्वारा गर्मी का मौसम देखते हुवे देवकी नंदन चौक बिलासपुर में आम नागरिको राहगीरों को मठा व् छाछ का वितरण किया गया .श्री योग वेदांत सेवा समिति का यह आयोजन पुरे देश में सभी समितियों के द्वारा किया जाता है श्री योग वेदांत सेवा समिति शाखाये पुरे भारत सहित विदेश में भी फैले हुवे है .
हर साल समिति द्वारा अक्षय तृतीया पर इस प्रकार के आयोजन किये जा रहे है इसके आलावा भी बिलासपुर समिति द्वारा समय समय पर जरुरत मंदो को मदद के लिए आगे आती रही है .कोरोना कल में भी श्री योग वेदांत सेवा समिति बिलासपुर के द्वारा राशन का वितरण किया गया था .इसके साथ ही लकडाउन के समय समिति ने एक माह तक ४०० पैकेट भोजन दोनों समय जरुरतमंदो को उपलब्ध कराया था.
छाछ वितरण कार्क्रम में महिला उत्थान मंडल के बहन उषा बुलबुले, बबिता बहन ,हर्ष सग्गर , पूनम बहन,संगीता बहन ,उषा बहन ,भाइयो में अनूप तिवारी, संतोष साहू ,पवन कस्यप ,रामभाई ,सुबोध भाई ,हुलास साहू, कुलदीप भाई ,भरत भाई,शिव सहाय ने वितरण में सहयोग किया
अक्षय तृतीया का तात्त्विक संदेश
अक्षय यानी जिसका कभी नाश न हो। शरीर एवं संसार की समस्त वस्तुएँ नाशवान हैं, अविनाशी तो केवल परमात्मा ही है। यह दिन हमें आत्मविवेचन की प्रेरणा देता है। अक्षय आत्मतत्त्व पर दृष्टि रखने का दृष्टिकोण देता है। महापुरुषों व धर्म के प्रति हमारी श्रद्धा और परमात्मप्राप्ति का हमारा संकल्प अटूट व अक्षय हो – यही अक्षय तृतीया का संदेश मान सकते हो।