श्रीराम वनगमन पथ का बदलेगा नक्शा, छूटे हुए स्थान जुड़ेंगे,संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को दिए निर्देश  , पढ़ें पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

गुरुआस्था समाचार रायपुर प्रतिनिधि

श्रीराम वनगमन पथ का बदलेगा नक्शा, छूटे हुए स्थान जुड़ेंगे,संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को दिए निर्देश 

रायपुर – छत्‍तीसगढ़ में पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में बनाए गए श्रीराम वनगमन पथ का नक्शा बदलने की तैयारी की जा रही है, जिसमें नए स्थान जोड़े जाएंगे। धर्मस्व, पर्यटन, संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि श्रीराम वनगमन पथ के वास्तविक स्वरूप का ध्यान रखा जाएगा। सरकार श्रीराम वनगमन पथ को उसके वास्तविक स्वरूप को ध्यान में रखकर कार्य करेगी।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक  छत्‍तीसगढ़ सरकार की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। भाजपा शासन काल में श्रीराम वन गमन पथ समिति बनाई गई थी। जिसने प्रदेश में उन स्थलों से संबंधित रिपोर्ट तैयार की थी जहां श्रीराम वनवास के समय रुके थे। वन पथ गमन का काम आगे बढ़ता उससे पहले प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई।

तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सात अक्टूबर, 2021 को माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी से राम वन गमन पथ योजना की शुरूआत की। करीब 2260 किमी लंबे वन गमन पथ के विकास के लिए 162 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया गया था। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसी समिति की रिपोर्ट के अनुसार नए प्रस्ताव तैयार करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए प्रदेश के सभी जिलों और ब्लाक स्तर पर सभी प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती और पूजा का आयोजन होगा। साथ ही शाम को गंगा आरती होगी। राज्य के सभी शासकीय भवनों में आकर्षक रौशनी की व्यवस्था की तैयारी शुरू हो चुकी है।

उज्जैन-बनारस की तर्ज पर राजिम मंदिर परिसर में बनेगा कारिडोर

राजिम को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उज्जैन और बनारस की तर्ज पर राजिम मंदिर परिसर में भव्य कारिडोर बनाया जाएगा। राजिम में नदी के एक किनारे पर भगवान राजीवलोचन और बीच में कुलेश्वर महादेव का का मंदिर है। राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया जाएगा।

पर्यटन विभाग के अधिकारी इसके लिए प्रस्ताव बनाने में जुट गए हैं। राजिम मंदिर संरक्षित स्मारक है। मंदिर के तीन सौ मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का निर्माण कराने से पहले राष्ट्रीय पुरातत्व संरक्षण संस्थान से अनुमति लेनी पड़ती है। राजिम में हर वर्ष कुंभ मेला का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष राजिम कुंभ मेले की शुरूआत 24 फरवरी से होगी, जो 8 मार्च तक चलने की उम्मीद है।

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