पकड़ा गया छत्तीसगढ़ में सेक्सटॉर्शन रैकेट का सरगना, संरक्षण देने वाले सफेदपोश अब होंगे बेनकाब , पढ़ें पूरी खबर – गुरुआस्था समाचार

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पकड़ा गया छत्तीसगढ़ में सेक्सटॉर्शन रैकेट का सरगना, संरक्षण देने वाले सफेदपोश अब होंगे बेनकाब   

बलौदा बाजार  जिले में सेक्स रैकेट चलाकर लाखों की वसूली करने वाले गिरोह के सरगना को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सरगना का नाम शिरीष पांडे  है और वो पांच महीने से फरार चल रहा था. पुलिस इस मामले में पांच दूसरे आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. अब मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इस गिरोह को संरक्षण देने वाले राजनीति से जुड़े और दूसरे सफेदपोश लोगों के नाम सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है.

आरोप है कि शिरीष पांडे और उसका गैंग सेक्स रैकेट की आड़ में अधिकारियों व कारोबारियों से ब्लैकमेलिंग किया करता था. इस गैंग ने इलाके के कई रईस परिवार के लोगों को अपना शिकार बना कर लाखों की वसूली की थी. इस मामले में दो आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं.

 कोर्ट में सरेंडर करना चाहता था सरगना

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शिरीष पांडेय से फिलहाल पुलिस पूछताछ कर रही है. बता दें इस मामले में इसी साल मार्च महीने में ही साइबर सेल में FIR दर्ज की गई थी. तभी से पुलिस को शिरीष की तलाश थी. कुछ दिनों पूर्व उसके अदालत में सरेंडर करने की भी खबर आई थी पर कोर्ट परिसर में पुलिस की मौजूदगी होने की वजह से शिरीष वहां आया ही नहीं. बताया जा रहा है शिरीष पांडे विधायक प्रतिनिधि रह चुका है जिसकी वजह से सियासी हलकों में भी उसकी पकड़ है और वो इसी का फायदा उठाकर फरार चल रहा था. अब साइबर सेल की तत्परता की वजह से वो पकड़ा गया है.

पहले हुई है 5 आरोपियों की गिरफ्तारी

इससे पहले कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले में संलिप्त पांच लोगों की गिरफ्तारी की थी. FIR में मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, पूर्व विधायक प्रतिनिधि शिरीष पांडे,अधिवक्ता महान मिश्रा, रवीना टंडन,पत्रकार आशीष शुक्ला, पुष्पमाला फेकर, हीराकली बंजारे और दूसरे लोगों के नाम दर्ज हैं. इस पर पुलिस धारा 384, 389, 34 के तहत अपराध दर्ज कर पहले कर चुकी है.

फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिवक्ता महान मिश्रा, मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, रवीना टंडन, पुष्पमाला फेकर को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. हालांकि इनमें से कुछ आरोपियों को न्यायालय से जमानत मिल गई है. वहीं मामले में पत्रकार आशीष शुक्ला और हीरा कली बंजारे अब भी फरार हैं. नामजद दोनों फरार आरोपी की तलाश की जा रही है.

 प्लानिंग से चल रहा था स्कैंडल

दरअसल ये गिरोह बीते एक साल से बलौदा बाजार इलाके में सक्रिय था. ये लोग पहले ऐसे परिवारों का चयन करते जिनसे मोटी रकम की वसूली की जा सके. इसमें ज्यादातर युवा कारोबारी, सेवानिवृत अधिकारी आदि होते थे.  बाद में वे महिलाओं को पीड़ितों के घरो में भेजते थे. इसके बाद ब्लैकमेल करके उनसे मोटी रकम उगाही की जाती थी. मार्च महीने में ही ये बात सामने आई थी कि इस गिरोह ने दो पीड़ितों को सेक्‍सटॉर्शन में फंसाकर लगभग 25 लाख रुपये की वसूली की थी.

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