गुरुआस्था समाचार
विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर में जिला पंचायत सदस्य ने भारत के भावी कर्णधार को किया गया पुरस्कृत… ,
भोरमदेव – विद्यार्थी तो एक नन्हें से कोमल पौधे की तरह होता है। उसे यदि उत्तम शिक्षा दीक्षा मिले तो वह नन्हा सा कोमल पौधा भविष्य में विशाल वृक्ष बनकर पल्लवित और पुष्पित होता हुआ अपने गौरव से संपूर्ण चमन को महका सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब उसे कोई योग्य मार्गदर्शक मिल जाए, कोई समर्थ गुरु मिल जाए और वह दृढ़ता तथा तत्परता से उनके उद्दिष्ट मार्ग का अनुसरण कर ले।
बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से विगत 60 वर्षों से देशभर में विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर एवं अनुष्ठान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। हर साल सैंकड़ों की संख्या में होने वाले इन विद्यार्थी शिविरों में लाखों बच्चे हिस्सा लेते है,और आगे बढ़ते है। इसी कड़ी में संत श्री आशारामजी बापू आश्रम भोरमदेव में भी 15 मई से सात दिवसीय विद्यार्थी अनुष्ठान शिविर का आयोजन किया गया था। जिसका आज प्रमाण पत्र वितरण के साथ समापन हुआ।
शिविर में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ा जाए, अच्छा मार्क कैसे लाये, स्वस्थ रहने की कुंजियां, आसन, प्राणायाम, योगाभ्यास और अपनी योग्यताओं को विकसित करने की बाते भी सिखाई गई। साथ ही शिविर में हुई विभिन्न खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लेकर बच्चों ने पुरस्कार भी जीते।
आजकल बुरे संग में पड़कर कई बार बच्चे अपने कीमती विद्यार्थी जीवन को बर्बाद कर देते है, और हताश निराश हो जाते हैं। शिविर में बच्चों को अच्छे संग का महत्व और बुरी संगती से कैसे बचें इस पर बड़ी ही सटीक समझ दी गई। बच्चों को प्रतिभावान बनाने के लिये संत श्री आशारामजी बापू के योग एवं उच्चसंस्कार की शिक्षा देने वाला, महापुरुषों का जीवन परिचय विद्यार्थी विशेष वीडियो सत्संग का भी लाभ लिया।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य क्षे.क्र. 13 के सद्स्य रामकृष्ण साहू जी भी उपस्थित रहे। साथ ही रामकृष्ण जी के हाथों विजेता बच्चों को पुरस्कार वितरण एवं प्रमाण पत्र भी दिया गया। महेंद्र लांझी जी के द्वारा बच्चों को प्रतिभावन बनने के लिए कुछ उपयोगी बातें बताई गई, इस अवसर पर श्री योग वेदांत सेवा समिति कवर्धा के सदस्य गण भी उपस्थित रहे, जिनके मार्गदर्शन पर यह शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान कौशल तारम, राधे रजक, छबीलाल पटेल, उमेंद साहू, पिंकू रजक, प्रहलाद भाई, बलराम भाई, कान्हा साहू, सूरज वर्मा, विष्णु साहू, चिरंजीव साहू सहित दर्जनों सेवाधारी एवं सैकड़ों बच्चे अनुष्ठान शिविर में उपस्थित रहे।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली के द्वारा बालको को ऐसी शिक्षा दीक्षा दी जा रही हैं कि बड़ा होते ही उसे सिर्फ नौकरी की ही तलाश रहती है। आज कल का पढ़ा लिखा हर नौजवान मात्र कुर्सी पर बैठने की नौकरी करना पसंद करता है। उद्यम व्यवसाय या परिश्रम के कर्म को करने में हर कोई कतराता है। यही कारण है कि देश में बेरोजगारी, नशाखोरी,और अपराधिक प्रवृति बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। ऐसे में स्वाभाविक ही युवा पीढ़ी उचित मार्गदर्शन के अभाव में मार्ग से भटक गई हैं।
विद्यार्थी जीवन का विकास तभी संभव है जब उन्हें यथा योग्य मार्गदर्शन दिया जाए। माता-पिता उन्हें बाल्यवस्था से ही भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन की, संयम एवं सादगी युक्त जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान कर, किसी ऐसे महापुरुष का सानिध्य प्राप्त करवाएं जो स्वयं जीवन मुक्त हो एवं अन्य को भी मुक्ति प्रदान करने का सामर्थ्य रखते हो।