गुरुआस्था समाचार
बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भोरमदेव-आश्रम में संपन्न हुआ विद्यार्थी अनुष्ठान शिविर
विद्यार्थी एक नन्हें से कोमल पौधे की तरह होता है। उसे यदि उत्तम शिक्षा दीक्षा मिले तो वह नन्हा सा कोमल पौधा भविष्य में विशाल वटवृक्ष बनकर पल्लवित और पुष्पित होता हुआ अपने गौरव से संपूर्ण चमन को महका सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब उसे कोई योग्य मार्गदर्शक मिल जाए, कोई समर्थ गुरु मिल जाए और वह दृढ़ता तथा तत्परता से उनके उद्दिष्ट मार्ग का अनुसरण कर ले।
बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से विगत 60 वर्षों से देशभर में विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविर एवं अनुष्ठान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। हर साल सैंकड़ों की संख्या में होने वाले इन विद्यार्थी शिविरों में लाखों बच्चे हिस्सा लेते है, और आगे बढ़ते है। इसी कड़ी में आज भोरमदेव आश्रम में आयोजित सात दिवसीय विद्यार्थी अनुष्ठान शिविर का समापन हुआ।
अनुष्ठान शिविर में बच्चों ने सात दिवस तक मां सरस्वती के बीज मंत्रों का अनुष्ठान किया। साथ ही शिविर शिक्षकों द्वारा बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ा जाए,अच्छे मार्क्स कैसे लाये, स्वस्थ रहने की कुंजियां, आसन, प्राणायाम और अपनी योग्यताओं को विकसित करने की बातें भी सिखाई गई।
नशा मुक्ति जन जागरूकता रैली का आयोजन
शिविर के अंतिम दिवस ग्राम छपरी-भोरमदेव में नशा मुक्ति जन जागरूक रैली का आयोजन किया गया इस दौरान बच्चों के द्वारा लोगों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उनसे बचने के लिए लोगों को जन जागरूक किया।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली के द्वारा बालकों को ऐसी शिक्षा दीक्षा दी जा रही हैं कि बड़ा होते ही उसे सिर्फ नौकरी की ही तलाश रहती है। आज कल का पढ़ा लिखा हर नौजवान मात्र कुर्सी पर बैठने की नौकरी करना पसंद करता है। उद्यम व्यवसाय या परिश्रम के कर्म को करने में हर कोई कतराता है। यही कारण है कि देश में बेरोजगारी, नशाखोरी,और अपराधिक प्रवृति बढ़ती जा रही हैं। आज की युवा पीढ़ी उचित मार्गदर्शन के अभाव में मार्ग से भटक गई हैं।
इस मौके पर कबीरधाम जिले के दर्जनों गांव से आए हुए सैकड़ों बच्चों सहित दर्जनों सेवाधारी एवं शिविर शिक्षक उपस्थित रहे।