गुरुआस्था समाचार
एनटीपीसी प्रबंधन के रवैये से किसान पिछले 1 साल से प्रताड़ित,अब 10 दिन में निर्णय नहीं लेने पर होगा आंदोलन : आज़ाद मंच
बिलासपुर – एनटीपीसी के राखड़ बांध के रिसाव क्षेत्र गतौरा के पूर्व ग्राम पटेल रहे किसान स्व. माखनलाल जायसवाल के देहांत के बाद उनके पुत्र महेश जायसवाल को क्षतिपूर्ति मुआवजा में रकबा कम कर राशि काटने के विरोध में आज़ाद मंच आज एनटीपीसी प्रबंधन से चर्चा करने पहुंचा चर्चा में जहां मंच ने 10 दिन में निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया वही प्रबंधन की ओर से शीघ्र निर्णय करने का आश्वासन दिया गया
आजाद मंच के मस्तूरी विधानसभा अध्यक्ष ओम गिरी गोस्वामी ने बताया कि पिछले कई महीनों से उक्त किसान को प्रबंधन द्वारा घुमा घुमा कर प्रताड़ित किया जा रहा था जिसके लिए प्रशासन के आला अधिकारियों तहसीलदार एसडीएम कलेक्टर से लगातार इस ओर संज्ञान दिलवाने आजाद मंच प्रयासरत था किंतु बात प्रबंधन के पाले में आकर बार-बार अटक रही थी आज प्रबंधन से इस मुद्दे पर चर्चा करने आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी के नेतृत्व में हमारा एक प्रतिनिधिमंडल किसान को लेकर पहुंचा जहां सार्थक चर्चा के उपरांत शीघ्र निर्णय का आश्वासन भी प्राप्त हुआ
किंतु पूर्व के रवैया को देखते हुए आजाद मंच की ओर से हमने प्रबंधन को 10 दिन का समय दिया है ताकि वह एक निर्धारित समय अवधि में इस निर्णय को लेकर किसान को प्रताड़ित होने से बचाएं अन्यथा आज़ाद मंच एनटीपीसी प्रबंधन के विरुद्ध आंदोलन करने बाध्य होगा।
श्री गोस्वामी ने बताया की प्रतिनिधिमंडल में आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी, बिलासपुर जिला अध्यक्ष श्री विजय सिंह राजपूत, आजाद मंच असंगठित मजदूर मोर्चा अध्यक्ष श्री राहुल गाढ़ेवाल, मस्तूरी विधानसभा अध्यक्ष ओम गोस्वामी ,किसान महेश जयसवाल एवं मस्तूरी विधानसभा युवा प्रकोष्ठ के पदाधिकारी अमित गोस्वामी सनत पाटले हरि गोस्वामी प्रबंधन से चर्चा करने सीपत एनटीपीसी पहुंचे थे।
आज़ाद मंच के जिलाध्यक्ष विजय सिंह राजपूत ने कहा की चर्चा सार्थक रही हमारे प्रयासों के बाद एनटीपीसी प्रबंधन ने यह माना कि उक्त किसान का क्षतिपूर्ति रब्बा 3 एकड़ 86 डिसमिल है जिस पर आने वाले वर्ष 2021-22 के क्षतिपूर्ति मुआवजा सूची में किसान का पूरा रकबा जोड़कर दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा साथ ही प्रबंधन ने यह भी कहा की किसान का रुका हुआ क्षतिपूर्ति मुआवजा साल 20-21 प्रशासन के साथ मिलकर संयुक्त जांच उपरांत जारी कर दिया जाएगा जिसे हम किसान के पक्ष में लिया एक सार्थक कदम मानते हैं।
आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने चर्चा के दौरान प्रबंधन से दो टूक कहा, एनटीपीसी किसानों के साथ गोल गोल रानी खेलने की आदत छोड़े किसान अपना काम-धाम छोड़ कर एनटीपीसी प्रबंधन के दरवाजे पर अपने हक के लिए भटकता रहता है और प्रबंधन उसे घूमाता रहता है किसानों को समय पर उनका मुआवजा देना प्रशासन और प्रबंधन सुनिश्चित करें। उक्त चर्चा में प्रबंधन की ओर से सुनीत कुमार ने प्रबंधन का पक्ष रखा जिससे आजाद मंच के प्रतिनिधि और किसान संतुष्ट दिखाई दिए लेकिन 10 दिनों की समय सीमा के उपरांत आंदोलन की चेतावनी भी मंच द्वारा प्रबंधन को दी गई।