जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजय शंकर मेहता
गुरुआस्था समाचार
फैमिली और प्रोफेशनल सोशल लाइफ तब मैनेज होगी जब पर्सनल लाइफ का मैनेजमेंट बेहतर होगा
इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में तनाव के साथ डिप्रेशन हावी है। समाज का लगभग हर वर्ग इससे प्रभावित है। बेरोजगारी, मानसिक समस्याएं और अन्य दूसरे कारणों से युवा तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। डिप्रेशन से हारकर कई लोग आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं। जीवन प्रबंधन गुरु पं. विजय शंकर मेहता ने डिप्रेशन, प्रोफेशनल, सोशल, फैमिली और पर्सनल लाइफ के प्रबंधन से जुड़े कई अहम सूत्र बताए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर व्यक्ति परेशान है, इसके पीछे मुख्य रूप से वजह प्रोफेशनल लाइफ में प्रतिस्पर्धा, सोशल लाइफ में स्टेटस, दूसरे को आगे बढ़ता देख वैसा न कर पाने का भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रोफेशनल, फैमिली और सोशल लाइफ तब मैनेज होगी, जब पर्सनल लाइफ का मैनेजमेंट बेहतर होगा। इसके लिए व्यक्ति को पहले निष्काम होना होगा।
जीवन के अहम सूत्र
- स्पर्धा करो, लेकिन तुलना मत करो। यह मानव के पूरे जीवन के मैनेजमेंट को ही बिगाड़ देती है।
- आपका कोई भी लक्ष्य हो, आप कहीं भी पहुंचना चाहें, घर हो या बाहर। चलना तो तीन मार्ग पर ही पड़ेगा- ज्ञान मार्ग, कर्म मार्ग और उपासना का मार्ग।
- व्यक्ति को कम से कम 24 मिनट योग व ध्यान के लिए देना चाहिए।
- जीवन में सफलता मिलने पर अहंकारी मत बनें। निष्काम रहें।
- अपने प्रारब्ध को सुधारने के लिए पुरुषार्थ करें।
- ईमानदारी को खंडित न होने दें। ईश्वर पर विश्वास रखें, वह फल जरूर देगा।
- जीवन में पाप किया है तो उसे दान देकर नहीं काटा जा सकता। उसका फल तो भोगना ही पड़ेगा।
‘थॉट लेस ब्रीदिंग’ से सफलता मिलेगी
प्रख्यात जीवन प्रबंधन गुरु पं. मेहता ने कहा कि हम शरीर से निकलने वाली तरंगों को सकारात्मक रखकर व्यक्तित्व में परिवर्तन ला सकते हैं। ‘थॉटलेस ब्रीदिंग’ करने से प्रोफेशनल, फैमिली और पर्सनल लाइफ में सफलता मिलेगी। उन्होंने सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए थॉट लेस ब्रीदिंग का सूत्र देते हुए कहा कि ध्यान करते समय अपने विचारों को रोक दें। केवल 10 थॉट लेस ब्रीदिंग से मन 18 घंटे नियंत्रण में रहेगा। जीवन में हर प्रकार के दबाव से बचने के लिए ध्यान करें।
समय के अनुसार हमें सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करना होगा
उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति शांति की तलाश में हैं। हमें तीन बातें कभी नहीं भूलनी चाहिए कि हर व्यक्ति की प्रोफेशनल, फैमिली और पर्सनल लाइफ होती है। हमारा निर्माण शरीर, मन और आत्मा से हुआ है। हमारे शरीर का एनर्जी लेवल दिन में चार बार बदलता है। सूर्योदय से एक घंटे पहले और बाद में हमारा एनर्जी लेवल 100 प्रतिशत पॉजिटिव होता है।
दोपहर 12 से 2 बजे के बीच 50 प्रतिशत पॉजिटिव और 50 प्रतिशत निगेटिव, शाम 5 से 7 बजे तक 100 प्रतिशत निगेटिव और रात 9 से 11 बजे के मध्य मन में उपद्रव शुरू होता है। समय के अनुसार हमें सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करना होगा।