गुरुआस्था समाचार
डेंगू का कहर अलर्ट जारी : प्रदेश भर में अब तक 800 से ज्यादा डेंगू के मरीज
बिलासपुर – दरअसल, बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया के मरीज ज्यादा मिलते हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जुलाई से लेकर नवंबर तक डेंगू के मरीज मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। यही वजह है कि रायपुर के साथ ही दुर्ग, रायगढ़ और बिलासपुर में डेंगू जमकर पनप रहा है।
बीते महीने 200 से ज्यादा डेंगू के केस मिले थे। वहीं, दो लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया था। डेंगू से निपटने के लिए अस्पतालों में दवाओं की व्यवस्था और संवेदनशील इलाकों में कैंप लगाने के निर्देश दिए गए थे।
नगर निगमों को डेंगू के लार्वा खत्म करने और जलजमाव जैसी समस्या को दूर करने के लिए भी कहा गया था। वहीं, वार्डों में डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की पहचान के लिए सर्वे अभियान भी चलाने के निर्देश थे।
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम बेहतर साफ-सफाई का दावा करते हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि नालियों में बरसाती पानी का जमाव और मच्छरों के लार्वा को नियंत्रित करने का काम सिर्फ कागजों पर चल रहा है।
बिलासपुर नगर निगम की ओर से हर साल मच्छरों के उन्मूलन पर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने का दावा किया जाता है। वार्डों को मच्छरमुक्त बनाने के लिए सभी जोन में फॉगिंग मशीन से दवाओं के छिड़काव का दावा किया जा रहा है। लेकिन, नालियों में जल जमाव और मच्छरों पर कोई असर नहीं दिखता।
बिलासपुर में अब तक 69 मरीज मिले
बिलासपुर जिले में डेंगू ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहा है। हालत ये है कि यहां मलेरिया के सात तो डेंगू के 69 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि संवेदनशील इलाकों में लगातार सर्वे चल रहा है। लेकिन, न तो वार्डों में साफ-सफाई है और न ही मच्छरों का लार्वा कम करने के लिए कोई इंतजाम हैं।
डेंगू से बचाव के उपाय
- एक दिन से ज्यादा पानी स्टोर न होने दें।
- पानी के हर बरतन को ढक कर रखें।
- कूलर, नारियल के खोल, नालियों में लंबे समय तक पानी जमा न होने दें।
- आसपास खुले में पानी स्टोर न होने दें।
- मच्छरदानी जरूर लगाएं।
- फुल आस्तीन के कपड़े पहनें।
- निकायों से मिलने वाला केमिकल कूलर में डालें।
- इम्यूनिटी अच्छी करने पौष्टिक आहार लें।
- तेज बुखार आए तो डेंगू की जांच कराएं।