गुरुआस्था समाचार
पेंशन के 17,240 करोड़ वापस कराने सीएम भूपेश ने पीएम मोदी को लिखा पत्र , एनएसडीएल ने कहा- राशि लौटाने का नहीं है प्रविधान ,
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने में पेंच फंस गया है। नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनडीएलएस) ने पेंशन फंड में जमा यहां के कर्मचारियों का 17 हजार 240 करोड़ रुपये लौटाने से इन्कार कर दिया है।
इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संघीय ढांचा व राज्य की संप्रभु (स्वायत्त) निर्णय का हवाला देते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राशि दिलाने का आग्रह किया है, ताकि सरकारी कर्मचारियों व उनके परिजनों के सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए राज्य सरकार के निर्णय का क्रियान्वयन किया जा सके।
पीएम को लिखे पत्र में सीएम बघेल ने कहा है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) ट्रस्ट व एनएसडीएल के साथ किए गए अनुबंधों में ऐसा कोई विशिष्ट प्रविधान नहीं है जो राज्य को नई अंशदायी पेंशन योजना के संबंध में किए गए अनुबंध से बाहर जाने या पुरानी पेंशन योजना की बहाली से बाधित करता हो।
उन्होंने लिखा है कि संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का संप्रभु निर्णय है। शासकीय कर्मचारियों और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्य की बजट घोषणा व मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुक्रम में निर्णय के क्रियान्वयन से रोका जाना उचित नहीं है।
एनएसडीएल ने कहा- राशि लौटाने का नहीं है प्रविधान
एनएसडीएल में जमा राशि लौटाने के लिए राज्य सरकार ने 20 मई को पत्र लिखा था। 26 मई को एनएसडीएल ने इसका लिखित जवाब भेजा है। इसमें नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसा कोई प्रविधान नहीं है, जिसमें राज्य सरकार को कर्मचारी व नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जा सके।
यह है मामला
प्रदेश में एक नवंबर 2004 से नई पेंशन योजना लागू की गई थी। इसके तहत पेंशन की राशि एनएसडीएल के खाते में जमा की जा रही थी। कर्मचारियों की मांग पर राज्य सरकार ने एक अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। इसका राजपत्र में प्रकाशन भी हो चुका है। इसलिए सरकार चाहती है कि एक नवंबर, 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनएसडीएल में जमा कराई गई राशि वापस मिल जाए ताकि उसे सामान्य भविष्य निधि खाते में जमा किया जा सके।