गुरुआस्था समाचार
सीएम के निर्देश के बाद अपोलो बिलासपुर लाने ग्रीन कारीडोर बनाने का काम शुरू,
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के रेस्क्यू के बाद अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कारीडोर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर जितेंद्र शुक्लाऔर एस.पी. विजय अग्रवाल ने तैयारी शुरू कर दी है। आइजी रतनलाल डांगी ने भी बिलासपुर और जांजगीर—चांपा एसपी को अलर्ट रहने को कहा है।
बचाव दल का कार्य अब अंतिम दौर पर पहुंच चुका है। पत्थर तोड़ने का काम लगभग समाप्ति की ओर है और जल्द ही आपरेशन पूरा होने की संभावना है । इधर आसपास के 30 से भी अधिक बोर को लगातार चलाया जा रहा है जिससे वाटर लेबल में भी कमी आई है जिससे बचाव दल ने भी राहत की सांस ली है। दूसरी तरफ एंबुलेंस को भी सतर्क और पूरी तैयारी के साथ तैनात है।
जांजगीर चांपा जिले के मालखरौद ब्लाक ग्राम पिहरीद में बोर में फंसे राहुल को निकालने का काम तेज हो गया है। हालांकि बोर में जलस्तर बढ़ने से चिंता भी बढ़ती जा रही है। राहुल तक पहुंचने में अब महज तीन फीट की दूरी बाकी है, मगर चट्टानों की वजह से विलंब हो रहा है। अब रेस्क्यू टीम बोर में बढ़ रहे जलस्तर को कम करने की चिंता में है। हालांकि सुरंग खोदने का काम भी तेजी से चल रहा है। सुरंग होते ही पानी बाहर आने से जलस्तर अपने आप कम हो जाएगा। अभी जो वीडियो सामने आया है उसमें बोर में जलस्तर बढ़ा हुआ दिख रहा है जो चिंता का विषय है।
10 साल के राहुल को बचाने रेस्क्यू दल की ओर से खोदाई की जा रही है। वहीं बीच में बड़ा पत्थर आ जाने से मशीन से काम लेना आसान नहीं रह गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां ज्यादा बड़ी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। अब हाथ से ही सुरंग बनाने का काम किया जा रहा है। वहीं बालक राहुल भी गजब की आत्मशक्ति दिखा रहा है। वह पिछले 55 घंटे से भी ज्यादा समय से फल व जूस के सहारे आठ इंच संकरे बोर में फंसा हुआ है। सुबह ही उसने केला खाकर छिलके को डिब्बे में वापस भेज दिया। साथ ही बोर में भर रहे पानी को निकालने में रेस्क्यू टीम की सहायता की है।
खास यह भी है कि सामान्य व्यक्ति कमरे में भी बिना पंखे के एक घंटे तक नहीं रह सकता लेकिन, राहुल तीन दिनों से बोर के अंदर फंसा हुआ है, जहां हाथ—पैर भी सीधा करना भी संभव नहीं है। घुप अंधेरे में अपनों से दूर रहकर वह जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है। उसकी मां व दादी की करुण पुकार भी बालक को हिम्मत बंधाने में सहायक साबित हो रही है।
जी—जान एक कर जुटे सलामती के लिए
रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने भी राहुल को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। सभी रतजगा कर एक ही प्रयास में जुटे हैं कि कैसे भी करके राहुल को सकुशल बाहर निकालना है। स्थिति यह है कि कई आरक्षकों ने पिछले दो से तीन दिन तक अपनी वर्दी तक नहीं बदली है। इसके साथ ही कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पल—पल की जानकारी ले रहे हैं और कलेक्टर समेत रेस्क्यू टीम व राहुल के स्वजन से भी बीच—बीच में बात कर रहे हैं।