गुरुआस्था समाचार
पाटलिपुत्र सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष ने हड़प ली करोड़ों की सरकारी जमीन, तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध, SDM ने जारी किया नोटिस
बिलासपुर – पाटलिपुत्र सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष धर्मेंद्र दास ने करोड़ों की सरकारी जमीन सुनियोजित तरीके से हड़प ली है। इस पूरे मामले में सीपत तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध है। हालांकि SDM ने मामले की जानकारी होते ही नोटिस जारी कर कोर्ट उपस्थित होने के लिए खा है।
बिलासपुर से लेकर सीपत के बीच की जमीन NTPC स्थापना के बाद सोना उगल रही है। यही कारण है कि भू माफिया सड़क के दोनो तरफ की निजी और सरकारी जमीन को हथियाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा रहे है। इसके लिए नियम कानून को तक पर रखकर जमीन हथियाने में लगे हुए है। ताजा मामला ग्राम पंचायत पंधी का है जहां पर पाटलिपुत्र सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष धर्मेंद्र दास ने सुनियोजित तरीके से करोड़ों रुपए की जमीन हथिया ली है। इस भू माफिया ने पहले सरकारी जमीन के तीन तरफ की निजी भूमि को खरीद लिया। इसके बाद रास्ता दिलाने के नाम पर लगभग 10 एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम पर चढ़ावा लिया।
विडंबना तो ये है कि तहसीलदार ने भी नियम कानून की परवाह किए बिना जमीन उसके नाम पर चढ़ा दिया। अब मामला मस्तूरी SDM अमित सिन्हा के संज्ञान में आने के बाद भू माफिया की होशियारी धरी की धरी रह गई है। क्योंकि नोटिस जारी कर दस्तावेज मंगा लिए है।आपको बता दें ग्राम पंचायत पंधी के खसरा नम्बर 56 सरकारी जमीन है। इस सरकारी जमीन पर कब्जा करने की नीयत से पाटलिपुत्र सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास और उसका भाई नरेन्द्र दास ने किसानों के खातों की जमीन पहले खरीदा। जमीन खरीदते समय दोनो भाइयों ने ध्यान रखा कि सरकारी जमीन खरीदी गयी जमीन से लगे हुए हो।
आपको बता दें कि सीपत तहसील स्थित पंधी में कमोबेश सभी सारी सरकारी जमीनों पर जमीन माफियों ने या तो फर्जीवाडा़ कर कब्जा कर लिया है या फिर गलत आदेश जारी करवा कर सरकारी जमीन हथिया ली है। यह जानते हुए भी इस जमीन को तहसीलदार ने अपने अधिकार से बाहर जाकर निजी जमीन है। मामला सामने आने के बाद मस्तूरी एसडीएम अमित सिन्हा ने दोनों भाइयों को नोटिस जारी कर दस्तावेज पेश करने को कहा है।
नियम विरूद्ध आदेश
राजस्व मामलों के जानकारों की माने तो तहसीलदार को सरकारी जमीन को निजी खाते में चढ़ाने का अधिकार ही नहीं है। दूसरी अहम बात कि रोड रास्ता के लिए सरकारी जमीन स्थानीय निवासियों की निस्तारी के लिए दिया जाता है। लेकिन किसी भी सूरत में निजी खाते में दर्ज नहीं किया जाता। चूंकि पंधी में ऐसा किया गया है। इससे जाहिर होता है कि दोनों भाइयों ने सोची समझी रणनीति के तहत भविष्य में कालोनी बनाएंगे। सरकारी जमीन से रास्ता निकाला जाएगा और उस पर अपना अधिकार भी जताएंगे।
नियम के खिलाफ आदेश
राजस्व विभाग के कर्मचारी ने बताया कि ऐसे प्रकरणों का निराकण एसडीएम स्तर के अधिकारी करते हैं। तहसीलदार को सरकारी जमीन निजी खाते में चढ़ाने का अधिकार ही नहीं है। यदि ऐसा किया है तो उसके पीछे कुछ न कुछ कारण जरूर होगा। मतलब तहसीलदार ने जमीन माफिया के प्रभाव में काम किया है, जबकि यह गलत है।
नोटिस जारी किया गया
इस मामले में एसडीएम अमित सिन्हा का कहना है कि प्रकरण की जानकारी मिलते ही कार्यालय से नोटिस जारी किया गया है। धर्मेन्द्र दास और नरेन्द्र दास को दस्तावेज के साथ कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।