आंवला नवमी पर संत श्री आशाराम बापू आश्रम सेंदरी में महिलाओं ने की आंवला वृक्ष की पूजा, सैकड़ो साधको की जुटी भीड़
बिलासपुर – आंवला नवमी का पर्व बुधवार को संत श्री आशाराम बापू आश्रम सेंदरी में भक्तिभाव के साथ मनाया गया। महिलाओं ने आंवला वृक्ष की विधिवत पूजा-अर्चना कर परिक्रमा की। परंपरानुसार परिवार सहित लोगों ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया। आश्रम में साधको की भारी भीड़ जुटी।
सनातन धर्म में आंवला नवमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है। स्वदेशी पिकनिक के इस पर्व का गहरा संबंध आयुर्वेद से भी है। सभी जानते हैं कि आंवला के फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी, लौह तत्व के अलावा कई औषधीय गुण होते हैं। इस मौसम में बहुतायत में आंवला का फल बाजार में आता है। पुराणों में महत्वपूर्ण कार्तिक मास में ही भगवान श्रीहरि विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं।
इसी महीने में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि विधान के साथ पूजन की परंपरा है। दीपावली, करवा चौथ, तुलसी विवाह जैसे कई व्रत इसमे में शामिल है। इन्हीं में से एक है अक्षय नवमी। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी के रूप में मनाया गया। विधि विधान के साथ आंवले के पेड़ की पूजा की गई। इसके पश्चात पूरे परिवार के साथ आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया गया।
आश्रम संचालक श्री जुनेजा जी इनके सहयोगी गुरुराम जी रामभाई एवं श्री योग वेदांत सेवा समिति बिलासपुर के साधको ने व्यवस्था में विशेष ध्यान रखा .