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5 राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस पर संकट! छिन सकता है राज्यसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद राज्यसभा की संख्या पर काफी असर पड़ने वाला है और इस बात की भी संभावना है कि पार्टी अब संसद के ऊपरी सदन (राज्यसभा) में विपक्ष के नेता का दर्जा खो दे. इस साल उच्च सदन के लिए द्विवार्षिक चुनाव होने के बाद, कांग्रेस की संख्या ऐतिहासिक रूप से कम होगी और विपक्ष के नेता की स्थिति को बनाए रखने के लिए जरूरी न्यूनतम संख्या के करीब होने की गुंजाइश है.
अगर कांग्रेस इस साल के अंत में गुजरात चुनावों और फिर अगले साल कर्नाटक विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहती है, तो यह उच्च सदन के बाद के द्विवार्षिक चुनावों में विपक्ष के नेता का रुतबा खो सकती है. कांग्रेस के पास वर्तमान में उच्च सदन में 34 सदस्य हैं और इस साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के लिए उसे कम से कम सात सीटों का नुकसान होगा.
क्या है विपक्ष के नेता का दर्जा हासिल करने की योग्यता
नियमों के अनुसार, एक पार्टी के पास सदन की कुल सदस्यता का कम से कम 10 प्रतिशत होना चाहिए, तभी उसे अपने नेता के लिए विपक्ष के नेता का दर्जा प्राप्त हो सकता है. राज्यसभा के अधिकारियों ने कहा कि सदन में विपक्ष के नेता का दर्जा बरकरार रखने के लिए एक पार्टी में अपने नेता के लिए कम से कम 25 सदस्य होने चाहिए. वर्तमान में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता और सदन में विपक्ष के नेता हैं.
राज्यसभा के 13 सदस्यों के लिए 31 मार्च को चुनाव
कांग्रेस के पास लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं है क्योंकि निचले सदन में उसकी वर्तमान संख्या सदन की सदस्यता के 10 प्रतिशत से भी कम है. चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा में 13 रिक्त पदों को भरने के लिए 31 मार्च को चुनाव की घोषणा की थी – इनमें पांच सीटें पंजाब से और बाकी की आठ सीटें हिमाचल प्रदेश, असम, केरल, नागालैंड और त्रिपुरा से हैं. पंजाब से अगले महीने सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में कांग्रेस के भी दो सदस्य शामिल हैं.
पंजाब की 7 राज्यसभा सीटों में से 6 पर हो सकता है AAP का कब्जा
आम आदमी पार्टी, नई पंजाब विधानसभा में तीन-चौथाई बहुमत के साथ अपनी संख्या में काफी वृद्धि करेगी और राज्य की सात राज्यसभा सीटों में से कम से कम छह सीटें जीतने की स्थिति में होगी, जिसके लिए इस साल चुनाव होने हैं. इस साल असम, केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की राज्यसभा सदस्यों की संख्या में कमी आएगी.
अगले साल सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के कारण उच्च सदन में कुछ सीटें खाली होंगी, इसी तरह से 2024 में द्विवार्षिक चुनावों के लिए कई और स्थान खाली होंगे और आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन का असर राज्यसभा में इसकी संख्या पर पड़ेगा. गुरुवार को घोषित विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में सत्ता बरकरार रखी, जबकि आप ने पंजाब में प्रचंड जीत हासिल की.