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भाजपा यूपी में इतिहास रचने रचने की ओर : जानिए कैसे नाकाम रहा विपक्ष का हर दांव
उत्तर प्रदेश करीब तीन दशक पुरानी राजनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार भाजपा को सत्ता सौंपने को तैयार है। वहीं दूसरी ओर सबकी उम्मीदों पर झाड़ू फेरते हुए पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता में आ सकती है। सोमवार को उत्तर प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण के लिए मतदान संपन्न होते ही पांच राज्यों को लेकर आए एक्जिट पोल कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखा रहे हैं। उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर होती दिख रही है। हालांकि अनुमान है कि भाजपा सरकार बचा लेगी। गोवा में ज्यादातर एक्जिट पोल त्रिशंकु नतीजों का अनुमान लगा रहे हैं और मणिपुर में भाजपा कांग्रेस से आगे खड़ी दिख रही है।
सही मायने में इस चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश और किसान आंदोलन से लेकर अंदरूनी लड़ाई तक का केंद्र बने पंजाब पर सबकी निगाह है। राजनीतिक रूप से अहम उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरी बार विपक्षी खेमे में नया प्रयोग हुआ। कोविड से लेकर किसान आंदोलन तक उत्तर प्रदेश को राजनीतिक अखाड़ा भी बनाया गया। हालांकि सात चरणों के बाद जारी हुए एक्जिट पोल की मानें तो विपक्षी दांव नहीं चल पाया। सभी सर्वे एजेंसियां भाजपा को बहुमत दे रही हैं। औसतन भाजपा को 403 में से 250 के आसपास सीटें दी गईं।
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा के 300 पार के दावे को सही होता दिखाया है। फिलहाल हर तरह से यह जीत बहुत बड़ी होगी, क्योंकि उत्तर प्रदेश में अरसे से कोई सरकार दोबारा नहीं जीती है। उत्तर प्रदेश के नतीजों को लोकसभा के लिए अहम माना जाता है। सीटें कम हुईं तो भाजपा को विचार करना पड़ सकता है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में मिले समर्थन के बाद अब समर्थन कम क्यों हुआ या समर्थकों का उत्साह क्यों कम हुआ। 2017 में भाजपा को साथी दलों समेत सवा तीन सौ सीटें मिली थीं।