गुरुआस्था समाचार
द्रौपदी मुर्मू का समर्थन न करने पर कांग्रेस को आदिवासी विरोधी बताकर घेरेगी भाजपा,
वैसे तो राष्ट्रपति का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से न होने के चलते वोटों का जातीय समीकरण प्रभावशाली नहीं रहा है, लेकिन इस बार भाजपा ने इस चुनाव में भी आदिवासी कार्ड खेलकर कांग्रेस को बड़ी राजनीतिक चुनौती दे दी है। विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी ने भाजपा को यह कहने का बड़ा मौका दे दिया कि जब पहली बार आदिवासी समुदाय से कोई राष्ट्रपति बनने जा रहा है, विशेषकर महिला तो कांग्रेस अड़चनें पैदा कर रही है। कांग्रेस के पास पार्टी में कोई बड़ा आदिवासी चेहरा ना होना भी पलटवार की गुंजाइश फीकी करता है।
दरअसल, भाजपा आदिवासी बहुल मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस की घेराबंदी आदिवासी विरोधी पार्टी बताकर करेगी। आदिवासी बहुल कई राज्यों में जहां अगले दो साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं, वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अजेय होने के लिए आदिवासी वोट बैंक साधना शुरू कर दिया है। इन कोशिशों को आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाने से मजबूती मिलने की संभावना से पार्टी प्रफुल्लित है।
यशवंत सिन्हा के समर्थन को भाजपा ने कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता करार दिया है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने मुर्मू का समर्थन नहीं कर अपना आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। आजादी प्राप्ति के बाद से अब तक कांग्रेस ने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझा और उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित नहीं की। भाजपा इसे मुद्दा बनाएगी और उन सारे राज्यों में प्रचारित करेगी, जहां आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है।